किसानों के लिए सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं, किसान कर रहे हैं आत्महत्या: खैरा

देश—विदेश

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के किसान इकाई के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मंगलवार को केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार के पास किसानों के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। किसान कर्ज के बोझ से दबे होने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।

श्री खैरा ने बताया कि उनका संगठन ‘अखिल भारतीय किसान कांग्रेस’ द्वारा इस महीने के मध्य में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगर। सम्मेलन में किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांगों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

किसान कांग्रेस के प्रमुख खैरा ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि नवंबर के मध्य में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेंगे जिसमें किसानों की समस्याओं पर खुलकर चर्चा होगी। उसी दौरान संसद का शीतकालीन भी होगा, ऐसे में हम चाहेंगे कि इसमें किसानों के हितों के बारे में ज्यादा से ज्यादा चर्चा हो।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों और कृषि को लेकर केन्द्र की सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है।

एमएसएपी की घोषणा कर दी गई है जो कृषि लागत के मुकाबले बहुत कम है। जबकि डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर से अधिक है। इसके अलावा खाद, मजूदरी और अन्य कृषि उपकरणों के दाम बढ़ गए हैं। किसानों को लागत के बराबर की कीमत नहीं मिल रही है।

किसानों की आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पंजाब में किसानों पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। पंजाब में किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कर्ज की मार नहीं झेल पाने के कारण अभी तक लगभग 60 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। कर्ज़ और आत्महत्या का यही चलन सारे देश में है ।’’

किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लगभग 30 हज़ार आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्हें केन्द्र की सरकार ने वापस नहीं लिया। MSP की कानूनी गारंटी नहीं दी गई। हम अपने सम्मेलन में इन पर और अन्य कई विषयों पर चर्चा करेंगे।

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