मेरी माटी मेरा देश पहल के तहत पर्यावरण संरक्षण पर जोर

वक्ताओं ने जलवायु परिवर्तन को लेकर व्यवहारिक बातें कहीं, ’संपूर्ण समाज और संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण को लेकर भारत के प्रयास पर प्रकाश डाला।

नई दिल्ली। 21वीं सदी में पर्यावरण संरक्षण की बात अनिवार्य हो चुकी है। बीते दशक में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई युगांतकारी कदम उठाए गए हैं। पर्यावरण की महत्ता को सबने स्वीकार किया है और इसे एक जन आंदोलन का रूप दिया गया है। राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित संगोष्ठी में समाज के प्रबुद्ध वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ताओं ने वक्ताओं ने पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण की बात दोहराई और कहा कि नासमझी और विनाशकारी उपभोग के बजाय सचेत और जानबूझकर उपयोग की दिशा में मिलकर काम करना होगा। 

संगिनी सहेली और रित्वा द्वारा आयोजित “पर्यावरण के लिए जीवन शैली- मेरी माटी मेरा देश“ विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। इसमें राजनीतिक, सामाजिक, कानून के जानकार और पर्यावरण सरंक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के साथ ही समाज के प्रबुद्ध वर्गों की भागीदारी रही। दिल्ली प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव श्रीमती प्रियल भारद्वाज, श्री नितिन गौड़ (आईएएस), कुमारी अंजलि बिड़ला (आईआरपीएस), श्री आशीष त्रिपाठी ( आईआरएस), श्री सागर सिंह कलसी (आईपीएस), श्रीमती आरती वर्मा (आईपीओएस), श्री शुभम अग्रवाल (आईपीएस), पीपल बाबा, मिस अनन्या मुखर्जी, मार्केटिंग प्रमुख, ताज पैलेस, नई दिल्ली, पत्रकार सुश्री ऋचा अनिरुद्ध और दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों से काफी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

पैनल चर्चा के दौरान श्रीमती प्रियल भारद्वाज ने बताया कि कैसे जीवनशैली में साधारण बदलाव हमारी माटी और देश पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ हमारे प्रधानमंत्री जी का का एक शक्तिशाली कॉल-टू-एक्शन है। उनके शब्दों ने व्यक्तियों और समुदायों को माटी (पृथ्वी) और देश (राष्ट्र) के अनुरूप जीवन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।  हम सभी जानते हैं कि पुरानी आदतें दैनिक जीवन को परिभाषित करती हैं जो हमारे पर्यावरण को प्रभावित करती हैं और परिवर्तन की ओर परिवर्तन कभी भी आसान नहीं होता है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों से हममें से प्रत्येक को हमेशा प्रेरित किया है कि अगर हम मेरी माटी मेरा देश के लिए एक सकारात्मक पर्यावरण के प्रति जागरूक कदम उठाते हैं और अपने युवाओं के उत्साह को सुरक्षित रखते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है। 

सभी वक्ताओं ने बीते दशक के दौरान पर्यावरण संरक्षण को लेकर आने वाली चुनौती और उसके समाधान पर चर्चा की। इस कड़ी में मेरी माटी मेरा देश अभियान को लेकर भी वक्ताओं ने नया दृष्टिकोण दिया। इससे पहले कार्यक्रम की औपचारिक श्रुआत दीप प्रज्जवलित करके हुई। सत्र में वक्ताओं ने एक स्थायी जीवन शैली बनाने और सभी के लिए हरित वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक अनुभव साझा किए।

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