भारत के प्रथम आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए आनंद विहार, दिल्ली में सुरंग बनाने के लिए लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण प्रारम्भ

नई दिल्ली। दिल्ली के आनंद विहार में आज टनलिंग या सुरंग बनाने के कार्य के लिए लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण कार्य शुरू हो गया। इसके लिए लगभग 20 मीटर गहरे (10 मंजिला इमारत की ऊंचाई के बराबर) और 5 मीटर चौड़े आकार के पहले डायफ्राम वॉल (डी-वॉल) पैनल रीन्फ़ोरसमेन्ट केज को भूमिगत उतार कर कंक्रीट द्वारा फिक्स कर लिया गया। इसके साथ ही आरआरटीएस के लिए भूमिगत खंड का निर्माण अगले चरण में प्रवेश कर गया है।

डी-वॉल भूमिगत हिस्से में मिट्टी की खुदाई करते समय ढाल या फ्रेम के रूप में कार्य करता है, जिससे मिट्टी के गिरने की संभावना कम हो जाती है, साथ ही यह पानी के रिसाव को भी रोकता है।

यह लॉन्चिंग शाफ्ट 20 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है, जो आनंद विहार भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन के दक्षिण दिशा की ओर स्थित है। आनंद विहार से सराय काले खां की ओर आरआरटीएस के जुड़वां सुरंगों की खोदाई करने के लिए इस शाफ्ट में दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को उतारा जाएगा।

इन दोनों टीबीएम मशीनों द्वारा लगभग 3 किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएगी। यह देश में उपलब्ध मेट्रो प्रणालियों में से किन्हीं दो स्टेशनों के बीच सबसे लंबा सुरंग का खंड होगा। किसी भी आपात स्थिति के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरंगों के दोनों किनारों को जोड़ने वाले इस बड़े खंड के बीच एक वायु संचार या एयर वेंटिलेशन शाफ्ट का निर्माण किया जाएगा। सुरंगों से यात्रियों के सुरक्षित निकास की सुविधा के लिए आपातकालीन निकासी सुविधा का निर्माण भी किया जा रहा है जो किसी दुर्लभ स्थिति में यात्रियों की निकासी के लिए आवश्यक होता है।

इसके साथ ही, आनंद विहार से मेरठ की ओर 2 किलोमीटर से अधिक लंबाई की जुड़वां सुरंगों के निर्माण कार्य के लिए आनंद विहार स्टेशन के उत्तरी दिशा में सुरंग लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा।

ये सुरंगें आरआरटीएस के बड़े आकार के रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो सिस्टम की तुलना में अधिक बड़ी (ज्यादा व्यास की) होंगी। इन ट्रेनों की गति अधिक होने के कारण सुरंगों में शॉक वेव्स उत्पन्न होने से यात्रियों पर हवा के दबाव और असुविधा को कम करने के लिए इन सुरंगों का आंतरिक व्यास 6.5 मीटर है।

एनसीआरटीसी टीम निर्माण गतिविधियों और सप्लाई चेन पर COVID-19 की दूसरी लहर के प्रभाव और प्रतिबंधों के कारण खोए हुए समय की भरपाई करने का हर संभव प्रयास कर रही है। कोविड एसओपी के अनुपालन में उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ निर्माण स्थलों पर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करते हुए निर्माण गतिविधियां की जा रही हैं।

Related Articles

Back to top button