बायजूस और लाडली फाउंडेशन ने बच्चों को मुफ्त लर्निंग प्रोग्राम्स से सशक्त करने के लिये भागीदारी की

नई दिल्‍ली: हर बच्‍चे को अच्‍छी गुणवत्‍ता की शिक्षा तक पहुँच देने के एक प्रयास में, बायजूस ने अपनी पहल ‘एज्‍युकेशन फॉर ऑल’ के माध्‍यम से लाडली फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है। इस भागीदारी से 1,00,000 गरीब बच्‍चों का जीवन सकारात्‍मक रूप से प्रभावित होगा। तीन सालों के लिए चरणबद्ध ढंग से लॉन्‍च की गई, यह भागीदारी कक्षा 6 से 10वीं के बच्‍चों को बायजूस के उच्‍च-गुणवत्‍ता वाले और टेक्‍नोलॉजी से संचालित लर्निंग प्रोग्राम्‍स निशुल्‍क प्रदान करेगी।

पहले चरण में 26 राज्‍यों में लागू, यह प्रोग्राम बिहार, गुजरात, मणिपुर, मध्‍यप्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, तेलंगाना और केरल में उल्‍लेखनीय परिणाम दिखा रहा है। इस साझेदारी के कई सहायक प्रोग्राम को भी शुरू किया गया है। इनमें से एक प्रोग्राम है ई-पाठशाला प्रोग्राम जिसके माध्‍यम से लाडली फाउंडेशन के वालंटियर्स एवं इंटर्न्‍स बायजूस प्‍लेटफॉर्म का असरदार ढंग से इस्‍तेमाल कर लाभार्थी स्‍टूडेंट्स को मार्गदर्शित करते हैं।

इस पहल के बारे में बायजूस में सामाजिक पहलों की वीपी मानसी कासलीवाल ने कहा, हम लाडली फाउंडेशन के साथ साझेदारी करके उत्‍सहित हैं ताकि सामाजिक-आर्थिक बाधाओं में बच्‍चों को गुणवत्‍तापूर्ण लर्निंग की पहुंच बनाने के एक कदम करीब आ सकें। हमारा दृढ़ विश्‍वास है कि शिक्षासमाज को आकार देने के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इस सहक्रियता से हम बच्‍चों को उनकी आकांक्षा पूरी करने में मदद करने के लिए प्रभावित करने एवं उन्‍हें सशक्‍त बनाने की पूरी उम्‍मीद है। हमारीएज्‍युकेशन फॉर ऑल पहल के माध्‍यम से, हम शिक्षा में मौजूदा अंतर को भरने , डिजिटल विभाजन को खत्‍म करने और टेक्‍नोलॉजी से संचालित लर्निंग की मदद से व्‍यापक प्रभाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लाडली फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 2010 में देशभर में लड़कियों की जिंदगी बदलने के विजन के साथ लॉन्‍च किया गया था। इसका संचालन 17 कर्मचारियों, 2300 वालंटियर्स और 1000 से अधिक डायनैमिक इंटर्न्‍स के सहयोग से किया जाता है। इन इंटर्न्‍स को विभिन्‍न यूनिवर्सिटी से उनकी छुट्टियों के दौरान लिया जाता है।

यूनिसेफ की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 महामारी ने न सिर्फ गरीबी बढ़ाई है बल्कि इसने 247 मिलियन बच्‍चों को स्‍कूल से बाहर कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि स्‍कूल में सुरक्षित जगह नहीं मिली और बालश्रम में वृद्धि हुई और 100 मिलियन लड़कियां बाल विवाह के जोखिम में आ गईं। बायजूस और लाडली फाउंडेशन साथ मिलकर इस शैक्षणिक संकट के खिलाफ देशव्‍यापी लड़ाई में मदद के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस साझेदारी पर लाडली फाउंडेशन के फाउंडर देवेन्‍द्र कुमार ने कहा, “शिक्षा के मामले में भारत कई बाधाओं से मुकाबला कर रहा है। ग्रामीण भारत में बच्‍चों की एक बड़ी आबादी के पास आधुनिक युग की मूलभूत डिजिटल सुविधाएं नहीं हैंलेकिन अच्‍छी बात यह है कि कई बच्‍चों के पास कम से कम स्‍मार्टफोन तो है। उन्‍हें स्‍मार्ट डिवाइसेस के जरिये अच्‍छे कंटेन्‍ट से सशक्‍त करना एक बेहतर कल के निर्माण में एक बड़ा कदम है। हम एज्‍युकेशन फॉर ऑल’ पहल के लिये बायजूस के शुक्रगुजार हैंजिसने बच्चियों के उत्‍थान के हमारे मिशन को आगे बढ़ाने में सहायता की है।”

साल 2020 में लॉन्‍च हुआ एज्‍युकेशन फॉर ऑल’ बायजूस का प्रमुख परोपकारी कार्यक्रम हैजो शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने और हर बच्‍चे को पढ़ने का मौका देने के लिये है। यह कार्यक्रम सुदूरतम क्षेत्रों के बच्‍चों और कम सेवा-प्राप्‍त समुदायों को टेक्‍नोलॉजी से संचालित पढ़ाई के माध्‍यम से सशक्‍त बनाने के लिये प्रतिबद्ध है। साल 2025 तक 5 मिलियन गरीब बच्‍चों को सशक्‍त बनाने के मिशन से कंपनी ने 26 राज्‍यों में 90 एनजीओ के साथ भागीदारी की हैताकि शिक्षा के पारिस्थितिक-तंत्र में सकारात्‍मक और सर्वांगीण बदलाव हो सके।

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