मच्छरजनित रोगों से निपटने को ठोस कदम उठाए राज्य सरकार: भाकपा

लखनऊ- 31 अक्तूबर 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि मच्छरों से निपटने और साज सफाई में कोताही से माह अक्तूबर के उत्तरार्ध में प्रदेश में मच्छरजनित रोगों- मलेरिया डेंगू चिकनगुनियाँ और स्वाइनफ़्लू ने छलांग लगाई है। राजधानी लखनऊ सहित गजियाबाद, गौतम बुध्द नगर अथवा कानपुर इनकी अधिक चपेट में हैं।

यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डा॰ गिरीश एवं राज्य सचिव का॰ अरविन्दराज स्वरूप ने इसके लिए राजकीय व्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगाया है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवायें तो लचर और लाचार हैं ही रोगों को रोकने के प्राथमिक उपाय किये ही नहीं गये। अधिकतर नगरीय क्षेत्रों में गंदगी के ढेर पसरे पड़े हैं, नालियों खाली प्लाटों और सड़कों में बने गड्ढों में जल जमाव है और फागिंग का काम कागजों तक सिमटा है। जब प्रदेश की राजधानी में ही मच्छरों का असहनीय प्रकोप है तो अन्य जगहों का सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

भाकपा नेताओं ने कहा कि रोगों की व्यापकता को सरकारी आंकड़ों से नहीं मापा जा सकता क्योंकि तमाम लोग धनाभाव में निजी तौर पर घरों में अथवा झोला ब्रांड चिकित्सकों से इलाज करा रहे हैं और सरकारी चिकित्सा तंत्र के रिकार्ड से बाहर हैं। भाकपा नेताओं का आरोप है कि सरकार की दिलचस्पी जनहित में न हो कर वोटों का गणित बिठाने में अधिक है। जितना ध्यान अयोध्या में 18 लाख दीपक जलाने पर लगाया गया और खर्च किया गया, उसका आधा भी यदि बीमीरी फैलने से रोकने पर लगाया गया होता तो यह स्थिति न होती।

भाकपा ने मांग की कि “फील्ड स्वास्थ्य टीमों” का गठन कर घर घर इलाज मुहैया कराये जाये, गांवों- शहरों में फागिंग कराई जाये, सड़कों गलियों गड्ढों और खाली जगहों पर जल जमाव और गंदगी के पड़ाव हटाये जाएँ तथा सड़कों पर कूड़ा फैंकने वालों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किये जायें। हर स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी इसकी जांच करें, और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित कर कार्यवाही करें।

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