प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 सितम्बर को करेंगे आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 का उद्घाटन
- 210 एमटी सालाना उत्पादन करने वाले 8 करोड़ डेयरी किसानों के साथ भारत दुनिया के दुग्ध उत्पादन में 23 फीसदी योगदान देता है
नई दिल्ली, 8 सितम्बर, 2022: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 सितम्बर को ग्रेटर नोएडा में आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन करेंगे। ‘डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एण्ड लिवलीहुड’ यानि पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी विषय पर आधारित इस सम्मेलन में भारतीय एवं विश्वस्तरीय डेयरी उद्योग के विशेषज्ञ, किसान, नीति निर्माता हिस्सा लेंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह तथा मछलीपालन, पशुपालन एवं डेयरी के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला भी सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। 1974 में भारत द्वारा इंटरनेशनल डेयरी कॉन्ग्रेस के आयोजन के बाद पिछले 48 वर्षों से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशनल के अध्यक्ष श्री पियरक्रिस्टियानो, आईडीएफ की महानिदेशक मिस कैरोलीन एमंड, आईडीएफ की भारतीय राष्ट्रीय समिति के सचिव एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री मीनेश शाह भी सम्मेलन में मौजूद रहेंगे।
मुख्य बिन्दु
उत्तर प्रदेश, जो देश में सबसे ज़्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाले राज्यों में से एक है और देश के कुल उत्पादन का तकरीबन 15 फीसदी हिस्सा बनाता है। प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन समारोह के दौरान सभा को सम्बोधित करेंगे।
भारत छोटे डेयरी किसानों से लेकर सहकारी रणनीति के आधार अपनी बदलावकारी यात्रा का प्रदर्शन करेगा।
चार दिवसीय आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 22 से पहले कारोबार बैठकों की एक श्रृंखला का आयोजन भी किया जाएगा। तीन दिनों तक चलने वाली ये बैठकें 9 सितम्बर से शुरू होंगी, बैठकों के दौरान भारत के 8 करोड़ से अधिक छोटे एवं सीमांत डेयरी किसानों (जिनके पास औसतन 2 मवेशी होते हैं) के योगदान पर चर्चा की जाएगी, जिन्होंने सालाना 210 एमटी उत्पादन के साथ भारत को दुनिया के अग्रणी दुग्ध उत्पादक के रूप में स्थापित किया है।

डब्ल्यूडीएस के इस संस्करण की विशेषता यह है कि कार्बन न्यूट्रल पार्टनर ज़ेनिथ एनर्जी के सहयोग से सम्मेलन को कार्बन न्यूट्रल आयोजन के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह 1903 में अपनी शुरूआत के बाद से पहला आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट है, जिसने जलवायु के अनुकूल स्थायी डेयरी उद्योग के प्रति डेयरी सेक्टर की प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए कार्बन न्यूट्रेलिटी को अपनाने का प्रयास किया है।