आईआईटी मंडी एनएसडीसी के साथ मिलकर डिजिटल पाठ्यक्रम शुरू करेगा

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मंडी ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके तहत युवाओं को प्रभावी डिजिटल पाठ्यक्रम प्रदान करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं कौशल तक उनकी पहुंच का विस्तार करने के साथ ‘इमर्सिव हैंड्स-ऑन लर्निंग’ के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

‘इमर्सिव हैंड्स-ऑन लर्निंग’ (Immersive hands-on learning) में छात्र आभासी वास्तविक दुनिया के वातावरण में होते हैं जहां वे अन्य लोगों और वस्तुओं को महसूस कर सकते हैं, जैसे वे रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं। इस प्रकार की शिक्षा इतिहास, भूगोल और विज्ञान जैसे विषयों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है, जिन्हें अक्सर व्यावहारिक खोज की आवश्यकता होती है।

अधिकारियों के अनुसार, सहयोग का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे डेटा साइंस, बिग डेटा एनालिटिक्स आदि में डिजिटल पाठ्यक्रम शुरू करना है। आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के निदेशक लक्ष्मीधर बेहेरा ने कहाकि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनएसडीसी के सहयोग से आईआईटी मंडी ने वंचित युवाओं और काम करने वाले पेशेवरों के बीच बेहतर कौशल प्रदान करने के लिए लंबी अवधि की यात्रा शुरू की है।

बेहरा ने कहा कि आईआईटी मंडी परिसर में ‘इमर्सिव हैंड्स-ऑन अनुभव’ (Immersive hands-on experience) के लिए एक अनूठा केंद्र स्थापित करने की एक संयुक्त पहल की योजना बनाई जा रही है जो उद्यमिता के साथ-साथ उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल को बढ़ावा देगी।

रणनीतिक साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए एनएसडीसी के सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा कि जैसे-जैसे हम प्रौद्योगिकी-संचालित विकास के भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, हमारे पास दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कुशल कार्यबल का निर्माण करने का एक बड़ा अवसर है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने पारंपरिक रोजगार के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए नए युग के कौशल विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है। उन्होंने कहा कि इसलिए, शैक्षिक संस्थानों और उद्योग के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के लिए साथ आना अनिवार्य है, जहां भारत के युवाओं के पास संसाधनों तक पहुंच हो और सही अवसरों के लिए मार्ग प्रशस्त हो।

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