मुरादनगर जैसे हादसे को न्योता दे रहा जहांगीराबाद टाउन बिजलीघर
जहांगीराबाद:- मुरादनगर शमसान घाट पर हुआ हादसा जहांगीराबाद में कभी भी दोहरा सकता है। जहांगीराबाद टाउन बिजलीघर की जर्जर इमारत कभी भी भरभराकर गिर सकती है। जर्जर इमारत की तरफ न तो विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान हैं और न ही जिला प्रशासन का। रोजाना यहां सैकडों उपभोक्ता बिजली बिल जमा करने आते हैं और दर्जनों बिजलीकर्मी इस जर्जर इमारत में मौत के साये में काम करते हैं।
मुरादनगर शमसान घाट में हुए हादसे में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह हादसा भ्रष्टाचार की नींव पर बनाए गए लेंटर के कारण हुआ था। मुरादगनर जैसा हादसा जहांगीराबाद में कभी भी दोहरा सकता है। जहांगीराबाद टाउन बिजलीघर की जर्जर इमारत कभी भी ढह सकती है। बिजलीघर का लेंटर पूरी तरह खोखला हो चुका है। जगह-जगह से लेंटर अपना स्थान छोड चुका है। लोहे के सरिये साफ देखे जा सकते हैं। इसके अलावा बिजलीघर पर स्थित कैश काउंटर का भी लगभग यही हाल है। रोजाना सैकडों लोग कैश काउंटर पर बिजली बिल जमा करने आते हैं। रोजाना घंटों तक बिजलीघर के कैश काउंटर पर बिल जमा करने के लिए उपभोक्ताओं की लाइन लगी रहती है। इसके अलावा दर्जनों बिजलीकर्मी भी जर्जर इमारत के अंदर मौत के साये में अपने काम निपटाते हैं। यदि बिजलीघर की जर्जर इमारत भी मुरादनगर शमसान घाट के लेंटर की तरह ढह गई तो जहांगीराबाद में मुरादनगर से भी बडा हादसा हो सकता है। जर्जर इमारत की तरफ न तो विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान है और न ही जिला प्रशासन का।
लॉकडाउन में भरभराकर गिर चुका है जिला पंचायत का लेंटर-टाउन स्कूल मैदान के पास जिला पंचायत द्वारा करीब दो दर्जन से अधिक दुकानों का निर्माण कराया गया था। निर्माण के बाद से ही विवाद के कारण इन दुकानों का आवंटन प्रक्रिया का काम पूरा नहीं हो सका। लॉकडाउन के कारण इन दुकानों के बाहर का लेंटर भी भरभराकर गिर चुका है। इस लेंटर के नीचे अमूमन बच्चों का जमावडा लगा रहता है। यहां बच्चे खेलते रहते हैं। यदि लॉकडाउन नहीं होता है तो यहां भी कोई बडा हादसा हो सकता था। जहांगीराबाद टाउन बिजलीघर की जर्जर इमारत के बारे में एमडी और शासन को अवगत करा दिया गया है। बिजलीघर निर्माण शासन और प्रशासन स्तर से ही कराया जा चुका है। कोशिश की जा रही है कि जल्द ही बिजलीघर का निर्माण करा दिया जाए।