भाजपा को वोट नहीं देने की किसान संगठनों की अपील

विचार—विमर्श

अतुल कुमार अनजान
कोलकत्ताः किसान संगठन के नेताओं ने भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन को नया रंग देते हुए चुनावी राज्यों के मैदान में उतरकर भाजपा को वोट नहीं देने का अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और वैचारिक संगठनों से संब( 500 किसान संगठनों के मंच के किसान नेता अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चें के तहत एकजुट हुए हैं।

किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांगों को लेकर आंदोलन को देशव्यापी बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं।

पिछले 108 दिनों से लगभग 3 लाख किसान दिल्ली के बाहर धरने पर बैठे हैं।

दस लाख से अधिक किसानों और लोगों, नागरिक समाज और व्यापार संघों के बड़े संगठनों, युवाओं, छात्रों, महिला, खेत मजूदरों, ग्रामीण भारत और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने किसान आंदोलन को खुले तौर पर समर्थन दिया है।


किसान नेताओं ने आसनसोल, भवानीपुर, सिंगूर, नंदीग्राम और कोलकाता में लगभग एक दर्जन बैठकें कीं।


कोलकत्ता के रामलीला मैदान में मौजूद भारी जन समुदाय को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि मोदी और उसकी सरकार ने अपने चुनावों वादों को पूरा नहीं करके जनता के साथ विश्वासघात किया है।

उन्होंने जो वादे 2014 और 2019 के चुनावों के समय किये थे. उनमें से किसी पर भी अमल हीं किया है।

बेहद बेरोजगारी बढी है, बढी मंहगाई ने जनता की कमर तोडकर रख दी है।

बिना किसी नियंत्रण के बेहिसाब बढ रहे पेट्रोलियम पदार्थों के दामों ने आम आदमी की दुर्दशा कर दी है और उसने परिवार का बजट बिगाड कर रख दिया है।

अतुल अनजान ने कहा कि अरबों रूपये कीमत के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को देशी विदेशी कारपोरेट को के हाथों कोडियों के मोल बेचा जा रहा है।

अब मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून लाकर कृषि क्षेत्र को भी कारपोरेट के लिए खोल दिया है।

किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं कि इससे कृषि का कारपोरेटीकरण हो जायेगा और कृषि और कृषि पर निर्भर लोगों का जीवन तबाह हो जायेगा।


भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से भाजपा को वोट नहीं देने और उन्हें सजा देने की अपील की।

हन्नान मोल्ला, मेधा पाटेकर, सरदार बलबीर सिंह राजेवाल, योगेन्द्र यादव, राजा राम सिंह, डाॅ. सुनीलम ने भी सभा को संबोधित किया।

किसानों से और सभी लोगों से भाजपा की विनाशक नीतियों का विरोध करने की अपील की।

किसान संगठनों ने मोदी सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ बैंककर्मियों की 15-16 मार्च को आयोजित दो दिवसीय हडताल का भी समर्थन किया।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments