दिल्ली में प्रवासियों के लिए 146 केंद्रों पर की गई फ्री भोजन की व्यवस्था
नई दिल्ली। दिल्ली में सियासी दखलंदाजी से दूर प्रवासियों के लिए प्रशासनिक स्तर पर फ्री भोजन की व्यवस्था शुरू की गई है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर इस बार विधायकों के बजाए यह व्यवस्था जिला अधिकारियों के स्तर पर की गयी है।
सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर फ्री भोजन की व्यवस्था की समीक्षा की और इस पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश भी दिया।
बैठक में उपराज्यपाल को बताया गया कि प्रवासी लोग दिल्ली नहीं छोड़ें, उनके नियमित फ्री भोजन की व्यवस्था कर दिया गया है।
जिलाधिकारियों द्वारा उनके भोजन के लिए दिल्ली कुल 146 केंद्र चलाए जा रहे हैं, जिनमें अभी तक 52, 553 पैकेट बांटे गए हैं। पूरे लाकडाउन में ये केंद्र प्रवासियों को खाना खिलाते रहेंगे।
साथ ही श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा भी खाना खिलाने के लिए 77 केंद्र खोले गये हैं, जहां 12, 284 खाने के पैकेट बांटे गए हैं।
इसके अलावा दिल्ली के करीब दो लाख निर्माण मजदूरों में से 1,97,000 को पांच हजार रूपए प्रति मजदूर की दर से उनके खाते में राशि का भुगतान भी किया जा चुका है।
उपराज्यपाल के निर्देश पर ही दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव को प्रवासी मजदूरों और राजधानी दिल्ली के गरीबों को भोजन सुविधा देने के लिए कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
प्रधान गृह सचिव की सभी व्यवस्था की निगरानी करेंगे। प्रवासी मजदूरों को फ्री भोजन के साथ-साथ जरूरत के मुताबिक कपड़ों, दवाइयों और अन्य मूलभूत आवश्यकतओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के समक्ष विधायकों के सहयोग का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया।