जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समग्र एवं सामूहिक प्रयास आवश्यक : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  (President Draupadi Murmu) ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन (Climate change) ने खाद्य और जल सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समग्र एवं सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘साइलेंट कन्वर्सेशन: फ्रॉम मार्जिन्स टू द सेंटर’ नामक एक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सांकला फाउंडेशन के सहयोग से प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए किया जा रहा है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया की 70 प्रतिशत बाघ आबादी भारत में पाई जाती है और इस उपलब्धि में टाइगर रिजर्व (tiger reserve) और राष्ट्रीय उद्यानों (national parks) के आसपास रहने वाले समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि यह प्रदर्शनी कलाकृतियों के माध्यम से टाइगर रिजर्व के आसपास रहने वाले लोगों और जंगलों और वन्यजीवों के बीच संबंधों को प्रदर्शित कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या को देखते हुए समग्र एवं सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए बल्कि मानवता के अस्तित्व के लिए भी हमें जनजातीय समुदायों के जीवन-मूल्यों को अपनाना होगा। हमें उनसे सीखना होगा कि प्रकृति के साथ रहते हुए समृद्ध और सुखी जीवन कैसे संभव है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अनियंत्रित भौतिकवाद, क्रूर व्यावसायिकता और लालची अवसरवाद ने हमें एक ऐसी धरती पर छोड़ दिया है जहां जीवन के सभी पांच तत्व संकट में हैं। जलवायु परिवर्तन ने खाद्य (Food) और जल सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारंपरिक और आधुनिक सोच को एकीकृत करने की आवश्यकता को पहचानकर हमारी संरक्षण, अनुकूलन और शमन रणनीतियों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। हमें स्वदेशी ज्ञान को संरक्षित, बढ़ावा और उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वन बल के अग्ररक्षक और उसके योग्य बेटे-बेटियां समाज में अपने अधिकारों, उचित स्थान और मान्यता से वंचित न रहें।

कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव (Union Environment, Forest and Climate Change Minister Bhupendra Yadav) , केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Tribal Affairs Minister Arjun Munda) और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Minister of State for Environment, Forest and Climate Change Ashwini Kumar Choubey) उपस्थित रहे।

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