भारत-चीन सीमा मुद्दे पर श्वेत पत्र की कांग्रेस ने मांग की
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को भारत-चीन सीमा (India-China border) मुद्दे पर केंद्र सरकार से श्वेत पत्र (white paper from central government) की मांग की। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी का रुख स्पष्ट था कि 5 मई, 2020 से पहले एलएसी पर यथास्थिति को हर कीमत पर बहाल किया जाना चाहिए और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
गोगोई ने कहा, हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) चीनी खतरे के बारे में देश को बताएं और रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के साथ एक श्वेत पत्र के साथ देश की वर्तमान स्थिति की व्याख्या करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) को संबोधित करें। उन्होंने कहा कि संसद को दो दिवसीय बहस करनी चाहिए और सरकार को एक पूर्णकालिक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करना चाहिए, एक पद जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि के दौरान सात महीने से खाली है।
गोगोई ने अग्निपथ योजना को वापस लेने की भी मांग की, जो उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) खतरे के समय में हमारे सैनिकों के मनोबल को खतरे में डालती है। उन्होंने आगे बताया, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा संकट शुरू होने के दो साल से अधिक समय बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की रणनीति को डीडीएलजे के साथ समेटा जा सकता है। 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक (all party meeting) में बोलते हुए 2020, गालवान में 20 बहादुर भारतीय सैनिकों को गंवाने के केवल चार दिन बाद, पीएम ने चीन को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि, न यहां कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही कोई घुस हुआ है।
गोगोई ने कहा, भारत ने अपना 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र गंवा दिया (India lost its 1,000 square kilometer area)। हमारे सैनिक पहले गश्त करते थे, लेकिन अब या तो चीनी सैनिकों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है या अब वे समझौतों के कारण प्रवेश करने में सक्षम नहीं हैं।