जच्चा रहेगी स्वस्थ तभी तो बच्चा होगा स्वस्थ

बुलंदशहर (ब्यूरो): बदलते मौसम में गर्भवती के प्रति जरा सी लाहपरवाही गर्भ में पल रहे शिशु के साथ ही माँ के लिए भी घातक साबित हो सकती  है। ऐसे में गर्भवती को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखना आवश्यक है। स्वस्थ बच्चे के लिए माँ का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में ज़रूरी है कि गर्भवती की सही समय पर सभी जाँच हों ।

कस्तूरबा गांधी जिला महिला अस्पताल की डॉ. अंजली ने बताया गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने बहुत अहम होते हैं। अधिकतर  महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने यानि फर्स्ट ट्राइमेस्टर को बेहद हल्के में लेती हैं, जबकि यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी दौरान गर्भ में भ्रूण का विकास होना शुरू होता है।

माँ का शरीर कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से गुजरता है। ऐसे समय में माँ और बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रसव पूर्व कुछ जांच होना बेहद जरूरी हैं। इन जाँच को एंटी नेटल केयर भी कहते हैं। यह इसलिए भी जरूरी हैं ताकि समय से पता चल सके कि माँ और बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन जाँच का मकसद गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिम को पहचानना, गर्भावस्था के दौरान रोगों की पहचान करना और उनकी रोकथाम करना है। इन जाँच से हाई रिस्क प्रेगनेन्सी (एचपीआर) केस को चिन्हित किया जाता है। प्रसव पूर्व मुख्यतः खून, रक्तचाप, एचआईवी की जांच की जाती है।

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