आईआईटी बॉम्बे के संगठन ‘अभ्युदय’ के साथ नारायण सेवा संस्थान ने की अनूठी पहल

नई दिल्ली। नारायण सेवा संस्थान ने आईआईटी बॉम्बे के सामाजिक निकाय-‘अभ्युदय’ के साथ मिलकर एक अनूठी पहल की है। इसके तहत आईआईटी बॉम्बे के स्वयंसेवक एनएसएस स्कूल में विद्यार्थियों को व्यावहारिक तौर पर सीखने का अनुभव प्रदान किया है। यह प्रक्रिया एक अनुभवात्मक शिक्षण पैटर्न के माध्यम से पूरी की गई है, जहां वंचित छात्रों को व्यावहारिक तौर पर सीखने का मौका मिला। इसके तहत आईआईटी बॉम्बे के स्वयंसेवक सप्ताहांत में ‘ई-मस्ती की पाठशाला’ में पढ़ाया गया है। कक्षाओं का आयोजन वर्चुअल/ऑनलाइन माध्यम से किया गया।

एक घंटे लंबी कक्षा में छात्र ब्रेन टीज़र, पहेली, मजेदार विज्ञान प्रश्नोत्तरी और विज्ञान संबंधी विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से सीखा, जिसके बाद एक प्रश्न-उत्तर सत्र हुआ। ई-मस्ती की पाठशाला में लगभग 40-60 छात्र थे और इसमें सप्ताहांत में कक्षाएं हुई, जो 2-3 सप्ताह तक चली।

नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक रोमांचक पहल है। हमारा मानना है कि लीक से हटकर सीखने और विश्लेषणात्मक तरीके से सीखने की क्षमताओं को केवल अनुभवात्मक शिक्षाओं के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है। वैचारिक और अनुभव के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा को एक साथ शामिल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बच्चे की सीखने की क्षमता में सुधार होगा। गतिविधियों पर आधारित सीखने की प्रक्रिया से छात्र को सैद्धांतिक रूप से नहीं बल्कि अवधारणात्मक रूप से चीजों पर ध्यान केंद्रित करने और समझने में मदद मिलती है। हमें खुशी है कि हमारे पास आईआईटी बॉम्बे के छात्र हैं जो ऐसे बच्चों को पढ़ाने के इच्छुक हैं जो आने वाले नए युग के भारत में उज्ज्वल प्रतिभा पूल का हिस्सा बनेंगे।’’

सुभाष चौधरी (अभ्युदय आईआईटी बॉम्बे के अभियान प्रबंधक) ने कहा, “ऐसे अद्भुत और प्रतिभाशाली बच्चों के साथ बातचीत करना मजेदार था। बच्चे चीजों को पकड़ने में तेज थे और नई चीजें सीखने में उनकी रुचि को देखते हुए, मैं कह सकता हूं कि वे सभी अपने जीवन में बहुत अच्छा करेंगे। उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”

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