इंडिया गेट से उल्टी राइफल और हेलमेट को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थानांतरित किया गया
नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ 1971 (1971 with Pakistan) के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की प्रतीक उल्टी राइफल और हेलमेट (vomit rifle and helmet) शुक्रवार को इंडिया गेट (India Gate) से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) स्थानांतरित कर दिया गया। इसे परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं की प्रतिमाओं के बीच स्थापित किया गया है। इंडिया गेट पर 50 साल तक प्रज्वलित रही ‘अमर जवान ज्योति’ को पहले ही इसी साल की शुरुआत में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ‘शाश्वत लौ’ के साथ विलीन किया जा चुका है। इस समारोह के साथ 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों के स्मारक का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ एकीकरण पूरा हो गया है।
पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए ऐतिहासिक युद्ध में भारतीय सेना के 3,843 जवान शहीद हुए थे। इनकी याद में तत्कालीन सरकार ने इंडिया गेट के नीचे ‘अमर जवान ज्योति’ स्थापित की और एक काले रंग का स्मारक बनाया गया, जिस पर ‘अमर जवान’ लिखा गया। इस पर एल1ए1 सेल्फ लोडिंग उल्टी राइफल (L1A1 Self Loading Ulti Rifle) भी रखी गई, जिस पर एक सैनिक का हेलमेट टांगा गया। उन शहीदों की याद में जली वह मशाल पिछले 50 साल से निरंतर जलती रही है। यह ‘अमर जवान ज्योति’ 21 जनवरी की शाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ‘शाश्वत लौ’ के साथ विलीन की गई थी। उस समय उल्टी राइफल और सैनिक का हेलमेट इंडिया गेट (lt rifle and soldier’s helmet india gate) पर ही रहने दिया गया था।
पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की प्रतीक उल्टी राइफल और हेलमेट शुक्रवार को इंडिया गेट से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थानांतरित कर दिया गया। इसे परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं की प्रतिमाओं के बीच स्थापित किया गया है। समारोह का नेतृत्व चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CISC) के चेयरमैन एयर मार्शल बीआर कृष्णा (Chairman Air Marshal BR Krishna) ने किया और तीनों सेनाओं के एडजुटेंट जनरल समकक्षों ने भाग लिया। समारोह की शुरुआत में अंतिम सलामी दी गई और CISC ने इंडिया गेट पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उल्टी राइफल और हेलमेट को एक औपचारिक वाहन से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक तक ले जाकर एक नव निर्मित स्मारक में स्थापित किया गया।