CPI के 97वें स्थापना दिवस आयोजित किया गया

बिलासपुर : 27 दिसम्बर। निकटवर्ती मार्वा खुर्द गाँव की चौपाल में 26 दिसम्बर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 97वें स्थापना दिवस के अवसर पर कामरेड फकीर चंद की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित की गई, सभा का संचालन ए आई के एस के प्रदेश अध्यक्ष गुरभजन सिंह ने किया। क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह के जन्मदिन के अवसर पर सभा में उनको आदर के साथ याद किया गया और उन्हें नमन किया गया।
चौपाल के प्रांगण में सीपीआई के वरिष्ठ नेता कामरेड कुलवंत सिंह ने पार्टी का झंडा फहरा कर् सभा का शुभारंभ किया।

सीपीआई के राज्य सचिव दरियाव सिंह कश्यप ने पार्टी के 96 वर्षों के संघर्ष एवं उपलब्धियों के गौरशाली इतिहास की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि साम्यवादी विचारों वाले देश के कुछ नौजवानों ने रुस की समाजवादी क्रांति से प्ररेणा लेकर 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। उन्होंने कहा कि स्थापना सम्मेलन में देश को अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति के लिए संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने और आजाद भारत में देश की मेहनतकश जनता के हितों के लिए अनवरत संघर्ष चलाते हुए देश में शोषणमुक्त समाजवादी व्यवस्था कायम करने के लिए काम करने के दो लक्षय तय किये गये।

कामरेड कश्यप ने कहा कि देश को आजाद कराने के आंदोलन में सीपीआई के अनगिनत नेताओं ,कार्यकर्ताओं ने अपने प्राण न्यौछावर किये, बहूत सारे कम्युनिस्टों ने आजीवन कैद काटी, काले पानी की सजा भुगती, भूमिगत रह कर देश की आजादी के लिए काम किया, आज उन सब लोगों को याद करने का दिन है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश के चहुंमुखी विकास में सीपीआई की संसद से लेकर सड़क तक किये गए संघर्ष की भूमिका को नकारा नही जा सकता । सीपीआई के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने देसी रियासतों को भारत में मिलाने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। निजाम की रियासत को भारत में शामिल करने के लिए चले स:शस्त्र संघर्ष का नेतृत्व सीपीआई ने किया जिसमे हजारो कम्युनिस्टों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। वर्तमान सरकार के चरित्र का जिक्र करते हुए कामरेड कश्यप ने कहा कि आज भाजपा सरकार देश को पुन: रियासतों के दौर में ले जाने के लिए काम कर रही है। यह सरकार राजा महाराजाओं की जगह कुछ बडे़ बडे़ कारपोरेट घरानों को देश की सम्पत्ति एवं तमाम संसाधन सौंपने की दिशा में बडी़ चालाकी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सीपीआई को वामपंथी ताक्तों को साथ लेकर संघर्ष चलाने की मुख्य जरुरत है।

भाकपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य एवं एटक के प्रदेश उप महासचिव हरभजन सिंह संधु ने स्वतंत्रता आंदोलन में सीपीआई की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अंग्रेजी शासन में चोरा चोरी केस, कानपुर व मेरठ षडयंत्र केस सहित अनेकों केस तत्कालीन कम्युनिस्टों पर लगाए गए और उन्हें जेलों में डाल क यातनाएं सहने पर मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि देश भर के कम्युनिस्टों ने फ्रांस साम्राज्यवाद से पांडीचेरी को एवं गोवा को पुर्तगाल से आजाद कराने और देश में शामिल करने के लिए भी कुर्बानियां दी।

सीपीआई के जिला सचिव धर्मपाल सिंह चौहान ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में कम्युनिस्टों ने सोवियत संघ सहित अन्य कम्युनिस्ट सरकारों से सहयोग लेने के काम में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि किसानों ने मजदूरों, कर्मचारियों एवं अन्य तबकों के साथ मिलकर आजादी के बाद का सबसे लम्बा और ऐतिहासिक आंदोलन किया और मोदी सरकार को खेत व किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को रद्द करने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री फिर से उल जलूल बयान देने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं जन संगठनों को मजबूत और व्यापक करने की आवश्यकता है।

सभा को सीपीआई की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य एवं हरियाणा महिला सभा की प्रदेश महासचिव नीलम संधु, भाकपा राज्य कंट्रोल के सदस्य डाक्टर कर्ण सिंह चौहान, हरियाणा खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव अरुण कुमार शक्करवाल आदि ने भी संबोधित किया। अबाला जिले (जिसमें पहले यमुनानगर भी था ) के बाबा पृथ्वी सिंह आजाद, मास्टर तेलूराय, बाबा सुन्दर सिंह, कामरेड जंग सिंह, गुरमुख सिंह, राम स्वरुप पिरथीपुर, कृपा राम, देश राज, जगमाल सिंह, भुला राम, शंकर भंवर, सिमरु राम आदि को स्वतंत्रता आंदोलन और सीपीआई को जिले में स्थापित करने में दिये गए बहुमूल्य योगदान को याद करते हुए उनकी विरासत की रक्षा करने एवं आगे बढाने का संकल्प लिया गया। सभा में ए आई वाई एफ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज चौहान, विजय पाल सिंह, जसमेर, गुरमिन्द्र सिंह, बचना राम, पूनम चौहान, रणधीर सिंह, कुशल पाल सिंह नम्बरदार, मेहर चंद, सुनील दत्त, रामनाध, बिपिन बराड़ सहित भारी संख्या में सीपीआई सदस्य एवं समर्थक शामिल हुए। मार्वा खुर्द गाँव के नरेश कुमार शर्मा द्वारा पिछले वर्ष और इस बार पार्टी स्थापना दिवस मनाने के लिए दस – दस हजार रुपये आर्थिक सहायता देने के लिए उनका आभार प्रकट किया गया।

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