भारत छोड़ों दिवस पर लाखों आवाजें गूंजी ‘कारपोरेट भारत छोड़ो‘

सुबोध दत्ता

कोलकात्ताः 9 अगस्त को ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन दिवस पर किसानों, मजदूरों ने राज्य भर में और कोलकत्ता में धरने और प्रदर्शन के आयोजन किये।

मौलाली, कोलकत्ता में 21 किसान यूनियनें और एस्प्लांडे, कोलकत्ता में लेनिन मूर्ति पर सभी केन्द्रीय यूनियनें एकत्र हुईं और कारपोरेट भारत छोड़ों के नारे लगाये। जिलों में किसानों और मजदूरों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किये।

9 अगस्त को भारत बचाओं दिवस पूरे राज्य भर में आयोजित किया गया। राज्य में विभिन्न 200 जगहों पर इस अवसर पर प्रदर्शन, जुलूस, धरने लगाये गये और नारेबाजी हुई।

इस आंदोलन का आह्वान भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और सबसे बढ़कर जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के विरोध में किया गया था। यह स्पष्ट है कि केंद्र की इस सरकार के पास कारपोरेट के लाभ के लिए देश के मेहनतकशों और आम लोगों के हितों की कुर्बानी देने और उस पर अफसोस करने के लिए कुछ भी नहीं है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं, बेरोजगारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, सार्वजनिक उपक्रमों का लगातार निजीकरण हो रहा है।

इस आंदोलन की कुछ मांगें मजदूर विरोधी लेबर कोडस, जन विरोधी कृषि कानूनों, बिजली संशोधन बिल को वापस लेना, अनिवार्य वस्तु अधिनियम को खत्म करना आदि हैं।

मौलाली में प्रभात मजूमदार, संजय पुटाटून्दा, अभिषेक साहा, तपस सिन्हा, समीर पुटाटून्दा, बासुदेव बासू ने प्रदर्शन को संबोधित किया।
दूसरी तरफ एस्प्लांडे में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारत बचाओ दिवस मनाया। उन्होंने कारपोरेट की कठपुतली मोदी से देश को बचाने का आहवान किया। मांगों के समर्थन में एटक के बासुदेब गुप्ता, सीटू के अनादि कुमार साहू, इंटक के कमारूज्जमन कमर और अन्यों ने संबोधित किया।

मेदिनीपुर में बीकेएमयू के तपन गांगूली, एटक के बिप्लव भट्ट, बालूघाट में अनिमेष साहा, नारायण विश्वास, तुमलूक में निरंजन सिही, चितरंजन दास्तुकार, नाबेन्द्रू घारा, बांकुरा में सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान सभा, दुर्गापुर में ट्रेड यूनियनों ने प्रदर्शन किया।

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