दिल्ली घूमने आए हैं तो, ये पांच जगह नहीं देखे तो क्या देखे

दिल्ली पर्यटन की दृषिट से देश—दुनिया में बहुत ही ऐतिहासिक जगह माना जाता है। लाल किला, कुतुबमीनार और चांदनी चौक के बारे में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो नहीं जानता होगा। अक्षरधाम, लोटस टेंपल और कालकाजी के दर्शन भी कर आए। इंडिया गेट, कनॉट प्लेस वगैरह भी घूम आए तो क्या लगता है आप पूरी दिल्ली घूम ली, ऐसा नहीं है, इसके अलावा भी दिल्ली में कुछ ऐसी जगह है जो आप अबतक नहीं घूमे होंगे।

मिर्जा गालिब की हवेली

उर्दू के मशहूर शायर मिर्जा गालिब की याद में बनवाई गयी इस हवेली में गालिब ने अपने मुश्किल के दिन बिताए थे। मिर्जा गालिब का नाम शायद कोई ऐसा व्यक्ति हो जो न सुना हो। अब इस हवेली में एक म्यूजियम बना हुआ है, जिसमें गालिब के कुछ नायाब काम को सजाकर रखा गया है। मिर्जा गालिब की हवेली चांदनी चौक के पास कासिम जान गली, बारादरी में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन से शाहजहानबाद तक के लिए ऑटो लेना होगा और वहां से हवेली आप पैदल भी जा सकते हैं।

हिजड़ों का खानकाह

जैसा कि नाम ही मालूम होता है कि ये जगह हिजड़ों को समर्पित है। इस जगह पर चारों तरफ शांति का माहौल रहता है, वैसे तो यहां बहुत कम लोग ही यहां जाते हैं। इस परिसर के बाहर लोहे का दरवाजा है, जिस पर कभी ताला नहीं लगाया जाता। इसके अंदर एक बहुत पुरानी छोटी सी मस्जिद है, जिसे आज भी अच्छे से रखा जाता है। ये जगह कुतुब मीनार से कुछ ही दूरी पर है। जानकारी के अनुसार इस जगह को लोदी वंश के शासनकाल में बनवाया गया था। इस जगह की देखभाल किन्नर करते हैं। अगर आप अगली बार कुतुब मीनार जाएं तो एक बार यहां जरुर देखें, ये जगह देखने का अनुभव ही कुछ अलग ही होगा।

भूली भटियारी का महल

यह जगह करोल बाग के बग्गा लिंक से यहां तक जाने के लिए एक रोड दी गई है। ये आपको वीरान जंगल की ओर ले जाती है। इस रास्ते यहां से आप ऐसी जगह पहुंचेगे, जहां रात के वक्त किसी के जाने की हिम्मत नहीं होती। यहां समय बिताकर आपको अच्छा लगेगा, लेकिन किले की भूतहा घटनाओं को सुनने के बाद मन में एक डर भी रहेगा। लगभग 700 साल पुराना ये महल इस्लामिक विरासत का नमूना माना जाता है। इस महल को 14वीं सदी में सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। इस जगह का नक्शा आपको बेहद पसंद आएगा। किले के दो प्रवेश द्वार हैं। दूसरे प्रवेश द्वार सीधा आंगन की तरफ निकलता है। आंगन के किनारों में कमरे बने हैं और उत्तर की तरफ सीढ़ियां जो चबूतरे की तरफ जाती हैं।

जहाज महल

पहले तो आप सोच रहे होंगे इस महल का नाम जहाज महल क्यों रखा गया है। दरअसल, इस महल के पास में एक झील है, जिसकी परछाई इस पर पड़ती है। इसलिए इस महल का नाम जहाज महल रखा है। इस महल को लोदी साम्राज्य के समय बनाया गया था। ये महल महरौली में के पास स्थित है। अगर आप शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो ये जगह बहुत अच्छा है।

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