सरकार का मतलब एलजी है तो यह जनता के साथ धोखा है: केजरीवाल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने के लिए जीएनसीटीडी बिल के​ खिलाफ आम आदमी पार्टी लड़ाई अब संसद से निकलकर सड़क पर आ गई है।

बिल के खिलाफ दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्रियों के साथ पार्टी के हजारों कार्यकर्ता जंतर-मंतर पर विरोध 17 मार्च को प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री केजरीवाल पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए आए हुए हैं।

दिल्ली के लोग परेशान और दुखी हैं, क्योंकि केंद्र की सरकार दो दिन पहले यह कानून लेकर आई है जिसमें लिखा है कि दिल्ली में अब दिल्ली सरकार का मतलब एलजी होगा।

फिर मुख्यमंत्री और उस सरकार का क्या मतलब जिसको जनता ने वोट देकर चुना है। यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा है।

इस बिल के अनुसार सारी फाइलें एलजी के पास जाएंगी। आम आदमी पार्टी 2015 में दिल्ली की सत्ता में आए थे तो सारी फाइलें एलजी के पास जाती थीं, तब 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए।

जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है, जिसे जनता चुनती है, शक्ति भी उसी के पास होनी चाहिए।

कोई भी फाइल एलजी के पास नहीं जाएगी, लेकिन ये लोग संविधान और सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते। ये जनता के साथ सरासर धोखा है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया ये कानून केवल दिल्ली सरकार की ताकत को रोकने का कानून नहीं है बल्कि केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस को उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड में रोकने का कानून है।

ये कानून आम आदमी की बढ़ती ताकत को रोकने का कानून है।

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