विदेश मंत्री एस जयशंकर का अमेरिका दौरा, वैक्सीनेशन से लेकर निवेश तक पर होगा जोर

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार सुबह अमेरिका पहुंच गए हैं। वह अगले 5 दिन यानी 28 मई तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा ‘1 जनवरी 2021 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के प्रवेश के बाद विदेश मंत्री पहली बार न्यूयॉर्क आए हैं।’

कोरोना महामारी के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। क्यों कि अमेरिका ने 8 करोड़ वैक्सीन डोज़ उपलब्ध कराने की घोषणा की है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भारत को बड़े पैमाने पर अमेरिकी मदद मिल सकती है। जिससे देश में वैक्सीनेशन का काम और तेजी के साथ हो सकेगा। इसलिए वैक्सीनेशन के लिहाज़ से भी विदेश मंत्री का ये दौरा महत्वपूर्ण है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जनवरी में सरकार में आने के बाद भारत के विदेश मंत्री की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस और बाइडन सरकार के कई बड़े अधिकारियों से होनी है। एस जयशंकर वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ चर्चा करेंगे। वहां वह अमेरिकी मंत्रिमंडल के सदस्यों और वहां के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में भी बात करेंगे।

सूत्रों की मानें तो इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत में कोरोना को रोकने वाले टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए अमेरिका से कच्चे माल की आपूर्ति तेज करने पर जोर दे सकते हैं। इसके साथ ही माना यह भी जा रहा है कि वैक्सीन के संयुक्त उत्पादन पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही भारत और अमेरिका के आर्थिक मामलों को लेकर भी विदेश मंत्री एस जयशंकर संवाद कर सकते हैं। दरअसल भारत 12 मार्च को हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में तय किए गए एजेंडे पर काम कर रहा है। इसलिए कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि स्वास्थ्य या टीके के क्षेत्र में भारत अमेरिका से निवेश की भी मांग कर सकता है। 

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह ने अमेरिका की सभी प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनियां जैसे फाइजर, जेएंडजे और मॉडर्ना के साथ कई बैठकें की हैं। इन बैठकों के जरिए कोशिश की जा रही है कि भारतीय कंपनियों के साथ इन कंपनियों का करार हो सके, जिससे देश में टीके की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। इसके साथ ही यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन और हैदराबाद की एक निजी फर्म के बीच कोविड 19 टीकों के 1 बिलियन उत्पादन को लेकर भी करार हुआ है।

सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका के आला नेताओं और अफसरों के साथ-साथ अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों के CEO से भी मुलाकात कर सकते हैं। जिनमें थर्मो फिशर, अमेजन और वॉलमार्ट भी शामिल हैं। विदेश मंत्री की ये बैठकें भी कोरोना के टीके की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। इसके साथ ही न्यूयॉर्क में अपनी बैठकों के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध, आतंकवाद और हाल में हुए इजरायल-फिलिस्तीन तनाव से संबंधित मामलों पर भी चर्चा कर सकते हैं।

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