रंगमण्डल की प्रस्तुति -’’गांधी का धर्मयुद्ध’’
उत्तराखण्ड महापरिषद लखनऊ द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से अण्डर सेक्रेटरी, कूडे का फेरा, बिलायती बुखार, उजड़ा हुआ महाविद्यालय, कश्मीर, आखिर एक दिन, वोकल फाॅर लोकल एवं सिंहासन खाली है जैसे नाटको के सफल मंचन के बाद उत्तराखण्ड महापरिषद का रंगमण्डल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव व पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र गढ़वाली जी की 130वीं जयंती एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की 97वें जयंती के अवसर पर दिसम्बर, 25, 2021, शनिवार को सांय 06 बजे संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में अब तक प्रस्तुत नाटकों से हटकर ‘‘गांधी का धर्मयुद्ध’’ का मंचन किया गया।

गांधी का धर्मयुद्ध के नाटक का उद्घाटन श्री आशुतोष टण्डन गोपाल जी टण्डन के कर कमलों द्वारा किया गया। जिमसें महापरिषद के पदाधिकारी श्री दीवान सिंह अधिकारी, श्री हरीश चन्द्र पंत, श्री भतर सिंह बिष्ट, श्री मंगल सिंह रावत सहित अन्य पदाधिकारी द्वारा पुष्पगुच्छ एवं शाॅल भेट किया गया।
गांधी जी पर आधारित यह नाटक आज के परिवेश पर व्यंग्य करता हुआ समाज एवं नेताओं पर कटाक्ष है, जिसमें गांधी फिर से इस धरती लोक में आ जाते है और अपनी आंखो से समाज की र्दुव्यस्था से दुःखी हो जाते है, मगर नेताओं को इस बात का यकीन नहीं नहीं होता कि गांधी इस लोक में फिर से लौट आये, परन्तु वो गांधी के रूप के द्वारा अपने-अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लग जाते हैं, मगर गांधी तो गांधी है, सत्य और अहिंसावादी परन्तु आज की इस व्यवस्था को देखते हुए उनका ह्दय परिवर्तन होता है और नये गांधी की कल्पना करते है, जो इन र्दुव्यवस्थाओं के विरोध में धर्मयुद्ध की ओर इशारा करते हैं।

सत्ता व राजनीति की लालसा, उसके लिए जद्दोजहद, कूटनीति, लड़ाई, झगड़े आदि पर आधारित तथा मानवता को गांधी का संदेश देते हुए एक नई सीख देने वाला यह नाटक रंगमण्डल के कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
उत्तराखण्ड महापरिषद के अध्यक्ष श्री हरीश चन्द्र ने बताया कि दिनांक 31 दिसम्बर, 21021 को सांय 04ः00 बजे से उत्तराखण्ड महोत्सव-2021 के सहभागी कलाकारो को पुरस्कार वितरण समारोह, उत्तराखण्ड महापरिषद भवन, कुर्मांचल नगर, लखनऊ में किया जायेगा।