युरोफिन्स एनालिटिकल सर्विसेज़ ने फार्म और खरीद बाज़ारों के नज़दीक कृषि कोमोडिटीज़ की जांच के लिए मोबाइल रेज़ीड्यु मॉनिटरिंग लैब का लॉन्च किया
नई दिल्लीः युरोफिन्स साइन्टिफिक ग्रुप की सदस्य युरोफिन्स एनालिटिकल सर्विसेज़ इंडिया ने मोबाइल रेज़ीड्यू मॉनिटरिंग लैबोरेटरी के लॉन्च की घोषणा की है, जो किसानों और निर्यातकों को खेतों एवं खरीद बाज़ारों के नज़दीक तीव्र एवं सटीक टेस्टिंग सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
कृषि कानूनों में बदलाव के साथ किसान एवं खरीददार/निर्यातकों से उम्मीद की जाती है कि वे राष्ट्रीय बाज़ारों में पहुंच बनाए और खरीद का फैसला जल्द से जल्द लें। निर्यात संबंधी कोमोडिटीज़ की खरीद के लिए पेस्टीसाईड रेज़ीड्यु एवं टॉक्सिन्स एक महत्वपूर्ण पहलु है। वर्तमान में खरीददार/ निर्यातक राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। निम्न एमआरएल और ईयू जैसे देशों के सख्त कानूनों के मामलों में सैम्पल को जांच के लिए अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति की लैब जैसे युरोफिन्स में भेजा जाता है।
कारोबार एवं विनियामक पहलुओं में बदलावों के मद्देनज़र लेनदेन के समय (खरीददार किसान से सैम्पल लेता है, खरीदने का फैसला लेता है) में काफी कमी आई है और किसानों के पास भी गुणवत्ता के अनुसार अपने उत्पाद को बेचने के लिए कई खरीददारों के विकल्प हैं। एक महत्वपूर्ण कारक जो लेनदेन के समय को काफी कम कर देता है, वह है सैम्पल को ले जाने और इसकी जांच में लगने वाला समय। मोबाइल रेज़ीड्यु मॉनिटरिंग लैब को फार्म के नज़दीक स्थापित करने से टर्नअराउण्ड समय 50 फीसदी से भी कम हो जाता है और कारोबार की प्रक्रिया और तेज़ हो जाती है।
मोबाइल पेस्टीसाईड रेज़ीड्यु लैब में सभी आध्ुानिक उपकरण होंगे जैसे स्ब्डैडैए ळब्डैडै जो 500 से अधिक पेस्टीसाईड रेज़ीड्यु की जांच में सक्षम होंगे तथा कोमोडिटी में अफलाटॉक्सिन्स एवं ओकराटॉक्सिन्स की जांच कर सकेंगे। लैब निर्यात की जाने वाली कोमोडिटीज़ जैसे बासमती चावल, जीरा, मिर्च, सोया पर विशेष ध्यान देगी, ताकि किसान कम से कम समय में निर्यात के लिए अपने उत्पाद की गुणवत्ता जांच सकें।
इस तरह किसानों को अपने खेत के पास जांच सुविधाएं मिलेंगे, जहां मोबाइल लैब को मंडी के नज़दीक खड़ा किया जाएगा, और किसान कम से कम समय में अपने उत्पाद की जांच करा सकेंगे, इसके लिए उन्हें सैम्पल को दूसरे शहर में नहीं भेजना पड़ेगा।
इसके अलावा, फसलों में 500 से अधिक पेस्टीसाईड रेज़ीड्यू की जांच की जा सकती है। इस तरह किसान यह पता लगा सकता है कि उनका उत्पाद निर्यात के लिए उपयुक्त है या नहीं और साथ ही इसका बिक्री मूल्य भी तय कर सकता है। वे अपने प्रोडक्ट में अफलाटॉक्सिन्स एवं ओकराटॉक्सिन्स की जांच भी करवा सकते हैं। मोबाइल लैब, पारम्परिक लैब की तुलना में जांच में लगने वाले टर्न अराउण्ड टाईम को काफी कम कर देगी।
लॉन्च के अवसर पर एपीईडीए के चेयरमैन श्री एम अंगामुथु ने कहा, ‘‘किसानों को सशक्त बनाने के लिए युरोफिन्स ने मोबाइल लैब का लॉन्च किया है, जिससे मूल्यांकन में लगने वाला टर्न अराउण्उ टाईम कम होगा और भारत की निर्यात क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
इसलिए ऐसी आधुनिक तकनीकों की ज़रूरत है जो कृषि उत्पादों की गुणवत्ता जांच को तेज़ कर सकें जिससे निर्यातकों एवं कारोबारियों के लिए खरीद का फैसला लेना आसान हो जाए। मोबाइल लैब निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक समाधान कउपलब्ध कराएगी। यह लैब देश भर में घूम कर किसानों और निर्यातकों तक पहुंचेगी और उन्हें फार्म स्तर पर ही जांच के भरोसेमंद, सटीक एवं त्वरित विश्लेषण सुविधाएं मुहैया कराएगी।