मूल सुबिधाओं के अभाव में आज भी बेबसी की जिंदगी जी रहे हैं ग्रामीण

संवाददाता/चंदौली। राज्य सरकारें हों या केन्द्र की सरकार अक्सर अपने भाषण विकास के दावें करती हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।

ग्रामीण जनता विकास से अभी कोसों दूर है।

वर्तमान समय में स्थिति यह है कि जनपद चंदौली में कई गांव है जहा आज ही बिजली पानी शिक्षा सड़क जैसी मूल सुविधाओं वंचित हैं।

लोग नदी का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं और सड़क की जगह पगडंडी पकड़कर चलने पर बेबस हैं।

ऐसे में अगर सरकार के नेता व मंत्री कहे की उत्तर प्रदेश में विकास चरम सीमा पर है। तो आप भला उन्हें क्या कहेंगे।

ये तस्वीरें हैं उत्तर प्रदेश के जनपद चन्दौली के चकिया क्षेत्र के मझराती गांव की, जहा भारत के आजाद हुए 7 दशक बीत जाने के बाद भी दशा नहीं बदली है।

आज भी लोग शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां ग्रामीण जैसे तैसे अपना जीवनयापन करते हैं।

स्थिति यह है कि गांव में ग्रामीणों को पीने के लिए एक हैंडपंप तक नहीं है। अगर हैंडपंप है भी तो वह मरम्मत के अभाव के बिना खराब हो चुके हैं।

गांव में सड़क भी नहीं है और ना ही बिजली।

जब चुनाव आता है तो विभिन्न पार्टियों के नेता वोट मांगने के लिए आते हैं और वादे तो बहुत करते हैं लेकिन जीत जाने के बाद उनका दर्शन भी नहीं होता।

इस गांव की स्थिति यह है कि अगर कोई व्यक्ति दिन या रात में बीमार पड़ जाए तो उसे हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए घंटो का सफर तय करना पड़ता है।

रोड ना होने के कारण वाहन भी उक्त गांव में आने से कतराते हैं।

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