मनरेगा मजदूरों की अधिकार संरक्षण को लेकर गोलमेज सम्मेलन
चेन्नई (तमिलनाडु)। महात्मा गाॅधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगर गारंटी योजना श्रमिकों को अधिकार संरक्षण संयुक्त आंदोलन जाति वर्गीकरण आदेश को वापस लें और वामपंथी कृषी श्रमिक संगठन जोर देते हैं।
वामपंथी कृषी श्रमिक और अस्पृश्यता का उन्मूलन और जीवन संरक्षण संगठनों के उत्पीडित अधिकार की सलाहकार बैठक 05-08-2021 चेन्नाई में कामरेड पी-राममूर्ती स्मारक पर, तमिल राज्य खेत मजदूर यूनियन (भा-खे-म-यू) के महासचिव एन-पेरियासामी पूर्व एमएलए के नेतृत्व में आयोजित किया गया। बैठक में एआईएडब्ल्यूयू की ओर से एस-थिरूनावुकारसु, वी-अमिर्थलिंगम, एस-शंकर, एटी गोटंडम और भाखेमयू की ओर से अ-भास्कर, ना -साथ्थया, पी-गणेशन और अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा की ओर से के-सामुवेल राज, और उत्पीडित जीवन के अधिकार आंदोलन की ओर से एम-वीरपांडियन मौजूद थे।
फरवरी 2021 में मोदी सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा में काम करनेवाले मजदूरों को जाति के आधार पर वर्गीकरण, लागत गणना और नौकरी चयन को अलग करते हुए एक अवैध आदेश जारी किया और राज्य सरकारों को इस आदेश को लागू करने की सलाह दी गई है।
बैठक में श्रमिकों की एक जुटता के खिलाफ मोदी सरकार के विभाजनकारी ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश के नाकारात्मक परिणामों पर विस्तार से चर्चा हुई। बाद में निम्नलिखित संकल्प पारित किए गए।
श्रमिकों को विभाजित करनेवाले आदेश रद्द करें
खेत मजदूरों के लंबे संघर्ष और संसद में वाम दलों के मजबूत दबाव के परिणाम स्वरूप सितंबर 2005 में मनरेगा को संसद में पारित किया गया था। भाजपा 2014 में अपनी सरकार स्थापना के बाद, पिछले 15 वर्षों से लागू करने कानून को विचिलित करने, विघटित करने और नष्ट करने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने श्रमिकों को नस्ली रूप से बांटने और नफरत और दुश्मनी को बढावा देने की नापाक मंशा से राज्य सरकार को सलाह दी है। बैठक ने केंद्रीय सरकार से ग्रामीण विरोधी श्रम सलाह को तुरंत निरस्त करने का आह्वान किया।
तमिलनाडु सरकार इसे खारिज कर देना चाहिए
खेत मजदूरों और ग्रामीण श्रमिकों को जाति के आधार पर विभाजनकारी मोदी सरकार की ग्रामीण विकास मंत्रालय के 2021 मार्च 05 में देने की आदेश को तमिलनाडु सरकार ने इसे खारिज कर देना चाहिए और बैठक ने राज्य सरकार से अनुरोध है कि इस सलाह को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र लिखें।
गोलमेज सम्मेलन
मोदी सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश के खिलाफ ग्रामीण श्रमिकों का समर्थन इकट्ठा करें और संघर्षों की एक श्रृंखला को अंजाम देने के लिए, जिला, सर्कल, क्षेत्रीय स्तर पर गोलमेज सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। आंदोलन के अगले चरन की घोषणा के लिए सितंबर के पहले सप्ताह में बैठक करने का निर्णय लिया गया।