बांसडीह से मानती राजभर को बसपा सुप्रीमो ने चुनाव लड़ने की दी हरी झंडी

रिपोर्ट- माइकल भारद्वाज बलिया

बलिया- विधानसभा चुनाव की बिगुल बजने के बाद राजनीतिक गलियारे में जगह-जगह चर्चाएं छिड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश की 362- विधानसभा बांसडीह की सीट हाईवोल्टेज की सीट मानी जाती है। जहां 2017 में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की और रामगोविंद चौधरी विधायक बने। लेकिन चट्टी चौराहे,चाय की दुकानों पर इस बात की जोर-जोर से चर्चा हो रही है कि आजादी के बाद से आज तक किसी पार्टी ने राजभर बिरादरी की ओर से महिला को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया। लेकिन जैसे ही मानती राजभर ने बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती से लखनऊ स्थित कार्यालय में मुलाकात की तो बांसडीह में मानती राजभर के नाम की चर्चा जोर पकड़ ली। हमारे जनपद बलिया ब्यूरो चीफ माइकल भारद्वाज से फोन पर बात करती हुए मानती राजभर ने बताया कि बहनजी से हमारी लखनऊ स्थित कार्यालय में मुलाकात हुई और 20 मिनट तक बांसडीह की राजनीति पर चर्चाएं भी हुई ।बहन जी ने कहा है कि जाइए और चुनाव लड़ने की तैयारी कीजिए। बांसडीह विधानसभा जीतकर आइये, अबकी बार आप सरकार की हिस्सा होगीं ।

बसपा राजभर को टिकट क्यों देना चाहती है?
इसकी वजह साफ है, 2017 के चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से डॉ अरविंद राजभर को चुनाव चिन्ह छड़ी पर 40234 वोट मिले थे जबकि एक और नाम अरविंद था जिसका चुनाव चिह्न हाकी था जिस पर 6080 वोट पड़े थे, दोनों को जोड़ दिया जाए तो 46314 हो जाता है। श्री रामगोविंद चौधरी को 51201(सपा) वोट मिले थे और अपने प्रतिद्वंदी निर्दल प्रत्याशी केतकी सिंह (49514) को महज 1687 वोटों से पराजित किए थे और बसपा के पास भी 35000 लगभग वोट है। इस तरह देखा जाए तो इस बार के चुनाव में लड़ाइयां दिलचस्प हो जाती है। एक फैक्टर यह भी होगा कि सपा और सुभासपा का गठबंधन हुआ है।क्या यह गठबंधन धरातल पर उतर पाता है? अपने बिरादरी पर मानती राजभर की कितनी पकड़ है,यह बात भी बहुत मायने रखती है। अगर बसपा और राजभरों का वोट जोड़ दिया जाए तो विधानसभा बांसडीह कुछ और ही संकेत कर रहा है ,जो अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है। इस चुनाव में निकला छुपा रुस्तम की भूमिका में पुनीत पाठक भी जोर शोर से लगे हुए हैं और कांग्रेस की ओर से ताल ठोकने की तैयारी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पुनीत पाठक राजभर के वोट बैंक में सेंध मारी नहीं कर सकते हैं। श्री पाठक ने सुभासपा में पांच साल रहकर मा.ओमप्रकाश राजभर जी से बहुत कुछ सीखा है और यह पाठक के रणनीति का एक हिस्सा है। वर्तमान में प्रसपा के प्रदेश महासचिव और नगर पंचायत सहतवार के अध्यक्ष प्रतिनिधि नीरज सिंह गुड्डू और नगर अध्यक्ष रेवती प्रतिनिधि /भाजपा नेता अजय शंकर (कनक पांडेय की क्या भूमिका होगी यह भी देखना दिलचस्प होगा।
मानती राजभर के चुनाव लड़ने के संकेत पर अखिल भारतीय राजभर संगठन बलिया की टीम ने मानती राजभर का सहयोग करने के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय राजभर संगठन बलिया की टीम की ओर से जिला महासचिव मिट्ठू राजभर ने फोन पर बताया कि जो भी पार्टी राजभर को टिकट देकर सम्मान देगी चुनाव में हमारा संगठन उसके लिए तन,मन और धन से कार्य करेगा और उसे जीताकर सदन में पहुंचाने का काम करेगा।

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