प्रेम हमेशा बाँटना सिखाता है वो चाहे दूर रहकर ही क्यों न हो: संदीप मारवाह

राज्य

नई दिल्ली। वैलेंटाइन डे यानि प्यार का दिन, इज़हार का दिन, इकरार का दिन, मोहब्बत का दिन और इस मोहब्बत के दिन अगर सारे देशों के लोग मिलकर ज़ूम एप्प के द्वारा एक साथ मिलकर प्यार बाँट रहे है और साथ साथ चर्चा कर रहे है तो इससे बढ़कर कोई बात नहीं है क्योंकि प्रेम हमेशा बाँटना सिखाता है वो चाहे दूर रहकर ही क्यों न हो, लेकिन दिल क़रीब होना चाहिए यही सिखाता है वैलेंटाइन और यही सीखता है बसंत उत्सव यह कहना था मारवाह स्टूडियो के निदेशक डॉ. संदीप मारवाह का 9वें ग्लोबल फ़ेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के तीसरे दिन।

आज के वेबिनार का विषय रहा कन्वेंशनल जर्नलिज्म और पॉवर ऑफ़ सोशल मीडिया, जिसमें अनेक जाने माने लोगो ने लिया, जिसमें शामिल है जर्नलिस्ट एवं कवि बी. एल. गौर, प्रणाम भारती के फाउंडर दीपक दुबे, लेखक एवं जर्नलिस्ट डॉ. हरीश चंद्र बरनवाल, जर्नलिस्ट विनोद शर्मा, जर्नलिस्ट श्वेता रेड्डी गज़ाला, एडम्स यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर उज्जवल चौधरी, एजुकेशन एंड इनोवेशन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट की प्रिंसिपल शालिनी शर्मा, जर्नलिस्ट राजीव चौधरी और डे जोसेफिन।

हरीश बनवाल के कहा कि जहाँ तक मैं सोचता हूँ ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु है अगर हाल ही की घटना की बात करे तो चमोली में जो कुछ हुआ वो सोशल मीडिया के माध्यम से ही लाखों लोगों के पास पहुंचा और बाद में मीडिया तक, इसीलिए मैं यही कहना चाहूँगा की अगर यह दोनों मिलकर काम करे तो हमारा नेटवर्क बहुत बेहतर हो सकता है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments