प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस से कोविड वैक्सीन के संबंध पर बात की
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच गुरुवार को फोन पर बात हुई। इस दौरान दोनों ने भारत-अमेरिका के बीच टीका साझेदारी को और मजबूत करने के लिए जारी प्रयासों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
कमला हैरिस से चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘कुछ देर पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मैंने बात की। वैश्विक स्तर पर टीका साझा करने के लिए अमेरिकी रणनीति के तहत भारत को टीके की आपूर्ति को लेकर दिए गए आश्वासन की मैं सराहना करता हूं।’ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने अमेरिकी सरकार, कारोबारियों और प्रवासी भारतीयों से मिले सहयोग और एकजुटता के लिए कमला हैरिस का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘भारत-अमेरिका के बीच टीका साझेदारी को और मजबूत करने के लिए जारी प्रयासों और कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य व आर्थिक क्षेत्र की रिकवरी में योगदान देने की दोनों देशों की साझीदारी की संभावनाओं पर भी हमने चर्चा की।’
बची हुई वैक्सीन बांटेगा अमेरिका
बता दें कि गुरुवार को ही जो बाइडन प्रशासन ने कोरोना वैक्सीन की बची हुईं खुराकों को बाकी देशों से बांटने की योजना का ऐलान किया। अमेरिका अपनी बची हुईं 75 प्रतिशत वैक्सीन को संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से चलाई जा रही ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए आपूर्ति करेगा। बाकी 25 प्रतिशत वैक्सीन को सीधे सहयोगी देशों को सप्लाई करेगा।
भारत को मदद भेज चुका है अमेरिका
अमेरिका ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत को जरूरी दवाओं और मेडिकल डिवाइसेज के रूप में मदद भेजी है। प्रधानमंत्री मोदी और कमला हैरिस की बातचीत के बाद उम्मीद है कि अमेरिका अपनी बची हुईं वैक्सीन को सीधे भारत सप्लाई करेगा। इससे देश में वैक्सीन की किल्लत भी खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है।
वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों से बात कर रही है भारत सरकार: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
3 जून को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने डबल्यूएचओ के साउथ और ईस्ट एशिया रीजनल हेल्थ पार्टनर्स फोरम को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि भारत सरकार कोरोना वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना के टीकों की खरीद और उनके भारत में निर्माण के बारे में बात कर रही है।
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा था कि “भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में हम विश्व के कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश यह है कि देश के सभी लोगों को समय पर टीके लग सकें और उनकी पर आपूर्ति हो सके।”
विदेश सचिव श्रृंगला ने आगे कहा था कि “कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए भारत वैश्विक स्तर की क्षमता बनाने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।
हम भारत की स्वदेशी वैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की भी प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसका निर्माण भारत बायोटेक ने किया है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “हर संकट का समाधान अनुभव के आधार पर ही होता है। इस महामारी का अंत भी जल्द ही होगा। हम नई तकनीकों की मदद से इस महामारी का मुकाबला करेंगे और जीतेंगे।”