तीन कृषि कानूनों को वापस करने हेतु चल रहे देशव्यापी चक्काजाम को समर्थन
मढ़ौरा (सारण) । 6 फरवरी 2021 को अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर तीन कृषि कानूनों को वापस करने हेतु चल रहे देश व्यापी आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करनें हेतु आज मढ़ौरा प्रखंड के मढ़ौरा-साहपुर पथ में ओल्हनपुर बजरंग चौक पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं किसान सभा के कार्यकर्ताओं द्वारा धरना देकर आवागमन को वाधित किया गया।कार्यक्रम दिन के 10 बजे से 11बजे तक चलाया गया। आंदोलन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव रामबाबू सिंह अंचल सचिव संजय कुमार सिंह तथा किसान नेता डॉ भरत राय ने किया। कार्यक्रम में सामाजिक दूरी का पालन किया गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव रामबाबू सिंह ने कहा कि भारत की निरंकुश मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को लागू कर इस देश के किसानों को कारपोरेट हाउसेज का गुलाम बनानें की अपनी सोची समझी राजनीति का परिचय दिया है। इस कानुन में 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर कालाबाजारी एवं जमाखोरी को खुली छूट प्रदान की गयी है।
कांट्रेक्ट खेती की व्यवस्था कर किसानों को अपनी ही जमीन पर मजदूर बन कर काम करनें के लिए मजबूर किया जाएगा। एम0 एस0 पी0 की वैद्यता को समाप्त कर किसानों को औनें पौनें दाम पर बेचनें को मजबूर किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ेगी और जनवितरण प्रणाली को समाप्त करनें की दिशा में यह कानुन काम करेगा। ऐसे में हमारे समकक्ष तीब्र व्यापक आंदोलन के सिवा कोई चारा नहीं रह गया है। सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले, एम0 एस0 पी0 को कानुनी बैधता प्रदान करे, किसानों का कर्ज माफ करे, उन्हें पेंसन दे और विजली विल को वापस ले। अन्यथा और तीब्र आंदोलन चलाने के लिए किसान मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी मोदी सरकार की होगी।