डीएमआरसी ने फेज़-IV में हासिल की बड़ी उपलब्धि:पहला सुरंग अभियान पूरा
नई दिल्ली। डीएमआरसी ने जनकपुरी पश्चिम – आर.के.आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर फेज़-IV के सबसे पहले टनलिंग स्ट्रेच पर कृष्णा पार्क एक्सटेंशन में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के माध्यम से 1.4 कि.मी. लंबी सुरंग का खुदाई कार्य पूरा करके फेज़-IV के निर्माण कार्य में आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।
प्रारंभिक अभियान के पूरा होने पर इस खंड पर सुरंग बनाने का मुख्य कार्य इस वर्ष अप्रैल माह में शुरु किया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण अनेक बंदिशों के बावजूद कार्य जारी रखा गया और यह बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकी। 73 मी. लंबी विशालकाय टीबीएम की सहायता से इस सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण होने की उपलब्धि आज डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हासिल हुई।

इस खंड पर अप और डाउन दिशा में आवाजाही के लिए दो समानांतर सर्कुलर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है जो जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच 2.2 कि.मी. लंबे भूमिगत सेक्शन का हिस्सा हैं। अन्य समानांतर सुरंग का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जाएगा।
यह नई सुरंग पूर्व निर्मित मेजेंटा लाइन सुरंग को ही आगे बढ़ाती है, जो वर्तमान में परिचालित बॉटेनिकल गार्डन – जनकपुरी पश्चिम कॉरिडोर के लिए पहले निर्मित की गई थी। इस सुरंग का निर्माण लगभग 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया गया है। सुरंग में एक हज़ार से भी अधिक रिंग्स लगाये गए हैं। इसका भीतरी व्यास 5.8 मी. है। सुरंग का अलाइनमेंट बाहरी रिंग रोड के साथ-साथ बहुमंजिली इमारतों के नीचे से होकर गुजरता है।
सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मैथड की प्रामाणिक टेक्नोलॉजी से किया गया है जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग्स की कंक्रीट लाइनिंग तैयार की गई है। इन टनल रिंग्स की कास्टिंग मुंडका में स्थापित पूर्णतया मेकेनाइज्ड कास्टिंग यार्ड में की गई है। कंक्रीट के इन सेगमेंट को स्टीम क्यूरिंग सिस्टम से तैयार किया गया है ताकि ये शीघ्र मजबूती हासिल कर सकें।
निर्मित भवनों के नीचे सुरंग निर्माण का कार्य करते समय समस्त आवश्यक संरक्षा उपाय किए गए थे जिनमें आसपास की इमारतों में उच्च संवेदी उपकरण लगाकर ग्राउंड मूवमेंट पर नज़र रखी गई। फेज़-IV के लिए अभी तक अनुमोदित कार्य के हिस्से के रूप में लगभग 27 कि.मी. भूमिगत लाइनों का निर्माण कार्य किया जाएगा। जनकपुरी पश्चिम – आर.के.आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर कुल मिलाकर 7.74 कि.मी. सेक्शन भूमिगत होंगे।

टनल बोरिंग मशीन एक ऐसी मशीन है जिसका इस्तेमाल विभिन्न तरह की मिट्टी और चट्टानी भूमि को काटकर सर्कुलर क्रॉस सेक्शन सुरंगों की खुदाई के लिए होता है। ये मशीनें किसी भी तरह की सख्त चट्टान से लेकर रेतीली भूमि को काटने का काम करती हैं। टनल बोरिंग मशीनों ने पूरे विश्व में होने वाले टनलिंग कार्यों में क्रांति सी ला दी है क्योंकि अब सतह पर बने भवनों और अन्य ढांचों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना सुरंगों का खुदाई कार्य किया जा सकता है।
सघन शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंगों के कार्यों के लिए टनल बोरिंग मशीनें विशेष तौर पर उपयोगी होती है। डीएमआरसी ने सुरंगों के निर्माण के लिए फेज़-1 से ही टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया है। फेज़-III में अब लगभग 50 कि.मी. के भूमिगत सेक्शनों का निर्माण किया गया तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग 30 टनल बोरिंग मशीनें उपयोग में लाई गई थीं।