कोविड-19 रोगियों के लिए डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के N. I. C. E प्रोटोकॉल की सलाह दी
संवाददाता (दिल्ली) डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने 750 N.I.C.E (नेटवर्क ऑफ इन्फ्लुएंजा केयर एक्सपर्ट्स) की एक टीम बनाई, जिन्होंने जून 2020 से अब तक 60,000 से अधिक कोविड-19 रोगियों को ठीक किया।
यह सब तब शुरू हुआ जब डॉ. बिस्वरुप रॉय चौधरी उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. हर्षवर्धन से संसद भवन में 05 मार्च 2020 को मिले। उन्होंने डॉ. हर्षवर्धन को सुझाव दिया कि कोविड -19 रोगियों को डाइट पर आधारित उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने दें (जिसको बाद में N.I.C.E का नाम दिया गया) और सभी प्रकार के कोविड -19 प्रतिबंध, जिसमें लॉकडाउन भी शामिल है, और कोविड-19 के प्रायोगिक उपचारों के कारण बढ़ती मृत्यु दर को भी रोका जा सके।
डॉ. हर्षवर्धन ने सुझाव को अस्वीकार कर दिया। इसलिए डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने N.I.C.E टीम बनाने का फैसला किया जिसमे उन्होंने (लिंकन विश्वविद्यालय मलेशिया और श्रीधर विश्वविद्यालय राजस्थान) के माध्यम से 3000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया और 24 घंटे मुफ्त सेवा के अन्तर्गत इलाज करना शुरू किया। इस मुफ्त सेवा 2 जून 2020 को कोविंड- 19 हेल्पलाइन +91-8587059169, को लांच की गई जिसके ज़रिये उन्होंने 60,000 से अधिक रोगियों को शुन्य मृत्यु दर, बिना किसी साइड इफेक्ट्स और दवाइयों के ठीक कर दिया।
N.I.C.E प्रोटोकॉल के आधार पर कोविंड- 19 रोगियों का इलाज अहमदनगर, जयपुर और भोपाल के केंद्र सहित राष्ट्रीय स्तर पर कई कोविंड- 19 केंद्रों में किया गया। N.I.C.E प्रोटोकॉल को जनता के लिए उपलब्ध कराने के लिए, उन्होंने 25 जुलाई 2020 को एक पुस्तक “नाइस वे टू क्योर कोविंड-19” का विमोचन किया, जो amazon.in पर तुरंत बेस्ट सेलर बन गई। यह पुस्तक www.biswaroop.com पर मुफ्त में डाउनलोड की जा सकती है।
N.I.C.E में पंजीकृत रोगियों में से लगभग 20% से 35% रोगियों को गंभीर रोगियों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता था, जिनमें से कई में ऑक्सीजन का दर (Spo2) 70% से कम और एचआरसीटी स्कोर 15 से अधिक था। हालांकि, किसी भी रोगी को अलग से ऑक्सीजन सप्लाई देने की ज़रूरत नहीं पड़ी। डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने देखा कि N.I.C.E की देखरेख में आने से पहले, अधिकांश गंभीर रोगियों को या तो वैक्सीनशन लगाया गया था या डब्लूएचओ द्वारा बताये गए प्रोटोकॉल के अनुसार पहले से ही इलाज चल रहा था।
उन्होंने एच.आई.आई.एम.एस. HIIMS (हॉस्पिटल एन्ड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेस) का डेराबस्सी (चंड़ीगढ़) में विमोचन किया। अध्यक्ष आचार्य मनीष और निदेशक डॉ. अमर सिंह आजाद, एम.बी.बी.एस, एमडी पेडियाट्रिशियन और एमडी कम्युनिटी मेडिसिन और डॉ. अवधेश पांडे, एमबीबीएस, एमडी रेडियोलॉजी ने भी मीडिया को संबोधित किया। HIIMS पहला ऐसा अस्पताल है, जो एलोपैथी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद का ‘रोगी केन्द्रित’ इलाज प्रदान करता है।
यहां का इलाज करने का तरीका (N.I.C.E प्रोटोकॉल के अनुसार है) जिसकी मदद से 60 से अधिक गंभीर बिमारियों का इलाज किया जा सकता है, जिसमे कैंसर, डायबिटीज और ह्रदय रोग भी शामिल है।
डॉ विश्वरूप रॉय चौधरी ने विधायक श्री नीलेश ज्ञानदेव लंके (अहमदनगर कोविद केंद्र के प्रभारी), प्रो. डॉ. के सत्यलक्ष्मी, निदेशक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे,डॉ सत्यनाथ, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे, डॉ युवराज पॉल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे, डॉ प्रवीण सी, चिकित्सा अधिकारी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे, डॉ ज्योति कुंभर, चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे, डॉ परेश वाडेकर, चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी- पुणे, डॉ पराग वाडेकर, चिकित्सा अधिकारी,नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे को उनके अपार योगदान और समर्थन के लिए को भी हार्दिक धन्यवाद दिया