किसान आंदोलन लगातार हो रहा देशव्यापी और सघन

राम नरसिम्हा राव
अखिल भारतीय किसान सभा, तेलंगाना राज्य परिषद के नेतृत्व में एक जीप जत्था गांदीमाईसम्मा मंदिर चैराहे से शुरू किया गया। यह जीप जत्था चर्च, गागील्लापुर, डुन्डेगल, सिंगाराम, अठवेल होकर गुजरा और मेदाचल कस्बे में समाप्त हुआ। अखिल भारतीय किसान सभा तेलंगाना की राज्य महासचिव पश्य पद्मा ने जत्थे का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह जत्था कारपोरेट समर्थक और किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में किया जा रहा है और इसकी मांग है कि केन्द्र सरकार कृषि कानूनों को बगैर किसी देरी के फौरन वापस ले। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जिसमें एक सदस्य पहले ही कमेटी से इस्तीफा दे चुका है। साथ ही उन्होंने आशा जाहिर की कि बाकी तीन सदस्य भी उनका अनुसरण करेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार बगैर किसी देरी के इन कानूनों को वापस ले अन्यथा पूरे देश में आंदोलन को तेज किया जायेगा।
भाकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य एन बालामल्लेश ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता जाहिर की और कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के प्रति तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है। जत्था का नेतृत्व किसान सभा के मेदाचल जिला सचिव और अध्यक्ष वेंकट रेड्डी और दशरथ ने किया।
उद्घाटन मीटिंग को किसान सभा के नेताओं रामकृष्णा रेड्डी, राम रेड्डी, द्वारा भी संबोधित किया गया। नुक्कड सभाओं को किसान सभा राज्य परिषद के सदस्य येशूरत्नम, जिला पार्टी सचिव शैलू गौड, शंकर कृष्णमूर्ति, उमा महेश आदि द्वारा भी संबोधित कया गया। इप्टा के वेंकटचारी ने क्रान्तिकारी गीत गाकर मौजूद लोगों को प्रेरित किया।
खम्मम में मानव श्रंखला
किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में खम्मम में मानव श्रंखला बनायी गयी। इसकी शुरूआत इलेन्द्रू चैराहा रोड से हुई और यह पांच किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनी। इस मानव श्रंखला में शामिल लोेग तीन कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिये जाने की मांग कर रहे थे। हालांकि यह मानव श्रंखला पांच किलोमीटर लंबी थी परंतु इससे यातायात संचालन में कोई बाधा नहीं आयी यातायात सुचारू रूप से चलता रहा।

राजनीतिक दल, ट्रेड यूनियन, युवा, छात्रसंघ, महिला संगठन, व्यापार मंडल, शिक्षक, कर्मचारी यूनियन, वाम दलों के जन संगठन, स्वयं सेवी संगठन आदि इसमें शामिल थे और सभी किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता और समर्थन जाहिर कर रहे थे।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि पहले से लाभ कमा रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अंबानी और अडानी को सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है। अब कृषि क्षेत्र को भी कारपोरेट को देने की तैयारियां हैं।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बी विक्रमारका, माकपा तेलंगाना के राज्य सचिव टी वीरभद्रम, भाकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य बी हेमंत राव, भाकपा माले न्यू डेमोक्रेसी के राज्य नेता पी रंगाराव, भाकपा जिला सचिव पी प्रसाद, माकपा जिला सचिव पी सुदर्शन राव, किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेता रमन्ना राव, वाय बाशा आदि ने मानव श्रंखला कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
तेलंगाना की वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन आर एण्ड बी से एक अलग प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया और मयूरी केन्द्र पर मानव श्रंखला में शामिल हुए।
महिला संगठनों ने प्रदर्शन किया
किसान महिला दिवस के अवसर पर राज्य के महिला संगठनों ने कार्यक्रमों के आयोजन किये। महिला संगठनों ने सुन्दरैया पार्क से आरटीसी चैराहा रोड तक रैली का आयोजन किया। वे कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे और इन कानूनों को खाद्य सुरक्षा और महिला रोजगार आदि के लिए नुकसानदेह बता रहे थे। प्रदर्शन का नेतृत्व पश्य पद्मा, एन ज्योति और उषा रानी (एनएफआईडब्ल्यू) एम लक्ष्मी, आशा लता (एडवा), संध्या और झांसी (पीआडब्ल्यू) सजाया (भूमिका) आदि ने किया।
पश्य पद्मा ने अपने संबोधन में कहा कि किसान संघर्ष लंबे समय से जारी है और किसान अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में होनी वाली किसान टैक्ट्रर परेड में महिलाएं बडी संख्या में भाग लेने वाली हैं। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री की भी आलोचना कि उन्होंने कृषि कानूनों के नाम पर खाद्यान्नों का विपणन रोक दिया है।

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