काले कानूनों के खिलाफ हरियाणा में व्यापक हो रहा किसान आंदोलन

राज्य

दरियाव सिंह कश्यप
हरियाणा में कृषि संबंधी तीनांे कानूनों के खिलाफ आंदोलन व्यापक हो गया है। पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला को उनके ही विधान सभा क्षेत्र में सभा नही करने दी और उनका हैलीपेड तक खोद दिया गया। शिक्षा मंत्री कंवरपाल को उनके निर्वाचन क्षेत्र छछरौली से आंदोलनकारी किसानों ने भागने पर मजबूर कर दिया। हद तो तब हो गई जब घरोंडा के गांव कैमला में कृषि कानूनों के फायदे गिनाने के लिए मुख्यमंत्री तथाकथित किसान पंचायत में आ रहे थे लेकिन संघर्षरत किसानों ने पुलिस और भाजपा के गुंडों की लाठियां, पानी बौछारें खाने व ओटने के बाद भी मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर नही उतरने दिया और मंच पर कब्जा कर लिया। इन घटनाओं से साफ है कि हरियाणा किसान में भारी संख्या में किसान आंदोलन में भाग ले रहे हैं और श्रमिक वर्ग भी अच्छी संख्या में देश की कृषि एवं जीवन के लिए जरुरी वस्तुओं को कालाबाजारी से बचाने के लिए आंदोलन में शामिल हो रहा है।

हरियाणा के किसान सिंघु बार्डर, टीकरी बार्डर, शाहजहांपुर बार्डर और पलवल व नूह के मोर्चे में भी शामिल हो रहे हैं और संघर्ष के नेतृत्वकारी संगठनों के आह्वान पर राज्य में अमल कर रहें हैं।
चौधरी छोटूराम की संकल्प सभा
25 दिसम्बर से राज्य में सभी टोल केन्द्रों को फ्री कर दिया गया और भारी संख्या में किसान और मजदूर यहां प्रतिदिन धरना, सभा करते हैं । गत 8 जनवरी को सभी टोल केन्द्रों पर चै. छोटू राम को याद किया गया, उनके द्वारा पंजाब में की गई मंडी व्यवस्था, किसानों पर लदे कर्ज की माफी, कर्ज की एवज में किसान की जमीन, बैल आदि की कुडकी पर रोक आदि आदेशों के लिये उनकी सराहना की गई। इस दिन राज्य भर में केन्द्र सरकार द्वारा किसान, खेती और देश विरोधी तीनों कानूनों के वापस लेने तक आंदोलन चलाने का संकल्प लिया गया।


काले कानूनों की प्रतियों का दहन-13 जनवरी को राज्यभर में तीनों कानूनो की प्रतियां जलाई गई। पानीपत, इसराना, मकड़ौली, बस्ताड़ा, पक्का खेड़ा मोड़, गंधौला, भावदीन, हिसार, खटकड़, बद्दोवाल आदि टोल केन्द्रों पर अन्य किसान संगठनों के साथ-साथ हरियाणा किसान सभा ;आल इंडिया किसान सभा अजय भवनद्ध के कार्यकर्ताओं, नेताओं ने प्रभावशाली हाजरी दर्ज की।
महिला किसान दिवस
18 जनवरी को पूरे राज्य में महिला किसान दिवस मनाया गया। भावदीन टोल पर भारी संख्या में महिला किसान शामिल हुई, इस दिन हुई सभा का संचालन रजनीश विनायक ने किया और सुदेश विनायक ने तीनों काले कानूनों पर व्यापक चर्चा की और उन्हें वापस लेने की मांग की। इस दिन 25 किसानों द्वारा की गई भूखहडताल में राम प्यारी, जसप्रीत, अमरजीत कौर, शीला, भगवान देई, शिमला, सुखवंत कौर आदि 15 महिलाओं ने भी भूखहड़ताल रखी।

महिलाओं ने काले कानूनों को वापस कराने तक आंदोलन में बढ़-चढ़ कर शामिल होने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एनएफआईडब्ल्यू की अनिता, इन्दु, ओमबती, सुधा, बीरमति आदि ने भी भाग लिया। पानीपत, बस्ताड़ा, बद्दोवाल सहित सभी टोल केन्द्रों पर महिला दिवस मनाया गया और हरियाणा महिला सभा के कार्यकर्ताओं ने सभी जगह पर भाग लिया।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments