कब तक तांडव मौत करेगा

कब तक तांडव मौत करेगा
कब तक भोग परोसोगे
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
वाहवाही तुम लूटोगे..।

लोकतंत्र लोगों का है न !
माजरा वोटों का है न ?
जान से कीमती कुर्सी नहीं
अपनी जान भी खो दोगे
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
वाहवाही तुम लूटोगे..।

कहीं भूख कहीं लाचारी
कहीं गरीबी सबपर भारी
गंदगी के अम्बार में
फैल रही है बीमारी
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
वाहवाही तुम लूटोगे..

राज्यों में जीत के लिए
कितना फैला यह महामारी
रैलियां ये जान ले रही
लाशें चिमनियां निगल रही
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
वाहवाही तुम लूटोगे..।

पांच साल की सत्ता खातिर
कितना कुछ तुम फूकोगे
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
वाहवाही तुम लूटोगे..।

पल्लवी सिंह
मधुबनी , बिहार

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