“आवाज दो हम एक हैं” नारों के साथ भर/राजभर जातियों को ST में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

  • DM के माध्यम से बाबूलाल राजभर ने भारत सरकार को सौंपा ज्ञापन

रिपोर्ट-बलिया ब्यूरो चीफ माइकल भारद्वाज

बलिया (उत्तर प्रदेश) । भारत माता की जय ,राजभर एकता जिंदाबाद,राष्ट्रीय हमारा अधिकार है,आवाज दो हम एक हैं नारों के उद्घोष के साथ भर/राजभर जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से भारत सरकार को भर /राजभर अनुसूचित जनजाति आरक्षण संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने ज्ञापन सौंपा। ST में शामिल करने की मांग को लेकर जनपद बलिया के कोने-कोने से सैकड़ों की संख्या में बुद्धिजीवी लोग पहुंचे थे ।

हमारे जनपद बलिया ब्यूरो चीफ माइकल भारद्वाज से बात करते हुए श्री बाबूलाल राजभर ने कहा कि भर/ राजभर अनुसूचित जनजाति आरक्षण मोर्चा के तहत आज पूरे प्रदेश में हर जनपद में अनुसूचित जनजाति आरक्षण राजभर समाज के द्वारा मांगा जा रहा है ।

सदन का प्रथम सत्र चल रहा है ,इस मौसम का इसमें आज हमारे समाज के कुछ विधायकों ने सदन में भी इस अनुसूचित जनजाति के मोर्चे के लिए मांग उठाया जा रहा है। हमारे समाज के बहुत सारे बुद्धिजीवी विधानसभा के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और हम लोग अपने जनपद बागी बलिया के धरती से कितने नौजवान बड़े बुजुर्ग राजभर समाज के लोग आए हैं, हम लोग हम लोग भी जिलाधिकारी तथा राज्यपाल महोदय के माध्यम से ज्ञापन देने जा रहे हैं। इसके बाद आगे की रणनीति पर आपस में बैठकर विचार करेंगे।

आगे बाबूलाल राजभर ने सरकार की दोहरी रवैया तथा सरकार के मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि संविधान के तहत संवैधानिक अधिकार राजभर समाज का है ।राजभर समाज आज आदिवासियों की श्रेणी में आ रहा है। आदिवासियों के लिए एसटी आरक्षण का संविधान में प्रावधान है। यदि सरकार हमें आदिवासी मानती है तो हमें हर हाल में अनुसूचित जनजाति आरक्षण चाहिए।

आज जो 56 जातियां क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट के तहत रखी गई है उन 56 जातियों में हम 53वें नंबर पर हैं। अब 52 जातियों को ST आरक्षण का सुविधा मिल गया है ।उस आधार पर उस सूची के अनुसार राजभर समाज को अनुसूचित जनजाति का अधिकार चाहिए। इसी कार्य के लिए जनपद के विभिन्न कोनों- कोने से हम सभी नौजवान साथीगण आए है।

इस अवसर पर बाबूलाल राजभर (अध्यक्ष शोषित एकता समिति), नितीश भारद्वाज, डॉ सतीश भारद्वाज, विक्की भारद्वाज, अमन भारद्वाज ,शिवजी राजभर ,मिट्ठू राजभर ,उमेश राजभर, घनश्याम राजभर ,प्रेमचंद राजभर ,सुनील राजभर, संजय राजभर आदि तमाम लोग उपस्थित रहे।

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