प्रधानमंत्री मोदी ने झामुमो रिश्वत मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) रिश्वत मामले में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का ”स्वागत” किया जिसमें कहा गया है कि सांसदों और विधायकों को सदन में वोट डालने या भाषण देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में अभियोजन से छूट नहीं होती। Modi ने कहा कि यह निर्णय देश में साफ-सुथरी राजनीति सुनिश्चित करेगा और व्यवस्था में लोगों के विश्वास को गहरा करेगा।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice D Y Chandrachud) की अगुवाई वाली सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने JMM रिश्वत मामले में पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए 1998 के फैसले को सर्वसम्मति से पलट दिया। पांच न्यायाशीधों की पीठ के फैसले के तहत सांसदों और विधायकों को सदन में वोट डालने या भाषण देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में अभियोजन से छूट दी गई थी।

प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि रिश्वतखोरी के मामलों में संसदीय विशेषाधिकारों के तहत संरक्षण प्राप्त नहीं है और 1998 के फैसले की व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 105 और 194 के विपरीत है। अनुच्छेद 105 और 194 संसद और विधानसभाओं में सांसदों और विधायकों की शक्तियों एवं विशेषाधिकारों से संबंधित हैं।

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