नेपा लिमिटेड ने रु 500 करोड़ के पुनरुद्धार पैकेज के साथ 6 साल बाद अपना संचालन दोबारा शुरू किया

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रम, न्यूज़प्रिन्ट निर्माता नेपा लिमिटेड ने छह साल के अंतराल के बाद मंगलवार को अपने मैनुफैक्चरिंग प्लांट में कमर्शियल उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है। नेपा लिमिटेड ने इस वित्तीय वर्ष में रु 395 करोड़ और वित्तीय वर्ष 24 में रु 554.36 करोड़ का टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

माननीय भारी उद्योग मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय की मौजूदगी में प्लांट का संचालन दोबारा शुरू किया गया। श्री पाण्डेय ने अपग्रेड किए गए प्लांट का उद्घाटन किया, इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री, संसद सदस्य एवं स्थानीय विधायक भी मौजूद थे।

प्लांट की इंस्टॉल्ड क्षमता 1 लाख टन सालाना है, हालांकि 2016 में जब प्लांट बंद हुआ था तब इसकी इंस्टॉल्ड क्षमता 88,000 टन सालाना थी। कंपनी का टर्नओवर 2015-16 में रु 72 करोड़ था। कंपनी ने न्यूज़प्रिन्ट के साथ लेखन एवं प्रिंटिंग पेपर के उत्पादन में विविधीकरण की योजनाएं बनाई हैं।

रु 512.41 करोड़ की पुनरुद्धार एवं मिल विकास योजना के साथ नेपा लिमिटेड ने अपनी युनिट को पूर्णतया स्वचालित बना लिया है, साथ ही विभिन्न दायित्वों को खत्म कर लागत कम की गई है, ऐसे में यह देश में फिर से संचालन शुरू करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ ही उपक्रमों में से एक है।
इस अवसर पर माननीय भारी उद्योग मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा, ‘‘नेपा लिमिटेड प्लांट का पुनरुद्धार मोदी सरकार की प्रगतिशील नीतियों का ही परिणाम है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने ने भी इसमें मुख्य भूमिका निभाई है।’

‘फिर से शुरू किए गए प्लांट की क्षमता 1 लाख टन सालाना है। इससे स्थानीय युवाओं को अपार अवसर मिलेंगे।’ उन्होंने कहा।

कंपनी ने अपनी वीआरएस आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रु 46 करोड़ प्राप्त किए, इसके अलावा वेतन एवं भत्तों के लिए अक्टूबर 2018 में रु 101 करोड़ एवं नवम्बर 2021 में रु 31 करोड़ प्राप्त किए गए।

प्लांट के पुनरुद्धार के बारे में बात करते हुए कमोडोर सौरब देब, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, नेपा लिमिटेड ने कहा, ‘‘हम केन्द्र एवं राज्य सरकार से मिले सहयोग के प्रति आभारी हैं। उनके सक्षम मार्गदर्शन के बिना यह पुनरुद्धार संभव नहीं था।’’

‘‘हमारे मुश्किल दिनों में, जब उत्पादन बंद था, हमने कभी उम्मीद नहीं खोई। हमारे पुनरुद्धार की कहानी आत्म विश्वास से आत्मनिर्भरता का बेहतरीन उदाहरण हैं। आज, जब हम अपना संचालन फिर से शुरू करने जा रहे हैं, हम अपने सभी हितधारकों, साझेदारों, आपूर्तिकर्ताओं एवं कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जिन्होंने हममें भरोसा बनाए रखा और हम उन्हें खोई मर्यादा को वापस पाने का आश्वासन देते हैं।’’ उन्होंने कहा।

बंद हुई युनिट के दोबारा खुलने से स्थानीय युवाओं को लाभ होगा। नवम्बर 2021 से कंपनी ने 310 लोगों की भर्तियां की हैं, जिनमें से 75 फीसदी आस-पास के इलाकों से ही हैं।

‘‘आने वाले समय में हम सिस्टम एवं प्रक्रियाआें में सुधार लाने, नए उत्पादों के विकास एवं मार्केटिंग गतिविधियों के लिए निवेश करेंगे ताकि हम अपने कारोबार को बढ़ाकर ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकें।’’ कमोडोर देब ने कहा।

नेपा लिमिटेड की शुरूआत 26 जनवरी 1947 को नायर प्रेस सिंडीकेट लिमिटेड द्वारा एक निजी उद्यम के रूप में की गई। न्यूज़प्रिन्ट उत्पादन के लिए ‘द नेशनल न्यूज़प्रिन्ट एण्ड पेपर मिल्स लिमिटेड’’ के नाम गठित यह कंपनी, 1981 तक यह भारत में एकमात्र न्यूज़प्रिन्ट मैनुफैक्चरिंग युनिट थी।
अक्टूबर 1949 में कंपनी के प्रबन्धन को मध्य प्रान्त और बरार (वर्तमान में मध्य प्रदेश) की तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया। मिल में कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के साथ ही, देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 26 अप्रैल 1959 को इसे देश को समर्पित किया।

1958 में भारत सरकार के कंपनी के कार्यभार अपने हाथों में ले लिया। 21 फरवरी 1989 को कंपनी का नाम बदल कर नेपा लिमिटेड कर दिया गया।

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