सरस मेले में गुजराती खाखड़ा, साड़ी व अन्य हेंडीक्राफ्ट तथा हेंडलूमम सामानों की जमकर खरीदारी

उत्तराखंड के अल्मोरा का बाल मिठाई व बिच्छू मिठाई के स्टॉल पर भी लोगों की लगी रही भीड़

नई दिल्ली।: सरस आजीविका मेला 2023 में आज विकेंड पर शनिवार के दिन अच्छी खासी भीड़ रही। साथ ही लोगों ने आज सरस मेले में जमकर खरीदारी भी किया। सरस में गुजरात के स्टेट कोऑर्डिनेटर दीपक ने बताया कि हमारे राज्य से कुल छह स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें पांच हेंडीक्राफ्ट व हेंडलूमम के जहां प्रोडक्ट हैं वहीं, एक फूड आइटम के स्टॉल लगाए गए हैं। गुजरात की बोटाद जिले से आई हुईं रेखा बेन अशोक भाई राठौर अपने स्टॉल नंबर 138 पर गुजराती खाखड़ा समेत टेराकोटा माटी का ज्वेलरी में गले का नेकलेस, ब्रासलेट, इयर रिंग्स, पायल आदि लेकर आई हुई हैं, जो महिलाओं को काफी आकर्षित कर रहा है। वहीं, गुजरात की ही श्री कृष्णा स्वयं सहायता समूह की सुरेंद्र नगर जिले से आई हुईं मकवाना पूनम बेन नारायण भाई अपने स्टॉल नंबर 50 पर गुजराती बेडसीट, कुशन कवर, दिवान सेट, टेबल क्लाउथ, पैच वर्क किया हुआ रनर आदि लेकर आई हुई हैं। साथ ही गुजरात के कच्छ जिला से आई हुईं परिवार सखी मंडल समूह की ज्योत्सना बताती हैं कि उनके स्टॉल नंबर 27 पर कच्छ की शॉल, स्टॉल, कुर्ती, साड़ी, कुशन कवर आदि लेकर आई हुई हैं, जिसकी जमकर खरीदारी हो रही है।

वहीं, सरस मेले में उत्तराखंड के अल्मोरा जिले से आई हुईं प्रकृति माई स्वयं सहायता समूह की माया बहुगुणा बताती हैं कि उनके स्टॉल नंबर 121 पर बाल मिठाई के लिए प्रसिद्ध अल्मोरा से बिच्छू मिठाई (Nettle Sweets) लेकर आई हुई हैं। वो बताती हैं कि इस मिठाई से यूरिन संबंधित समस्याओं से समाधान मिल जाता है। इसके साथ ही आर्गेनिक व हर्बल टी लेकर आई हुई हैं। साथ ही आंवला लड्डू, खुमानी पापड़, बाल मिठाई, आदि फूड के आइटम लेकर आई हुई हैं, जो कि यहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ।

ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति से सराबोर 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2023 का आयोजन प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 165 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 28 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपनी रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके।

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