सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल के घर का घेराव

सिरसाः तीन कृषि कानूनों के विरोध में 14 दिसंबर 2020 को किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर रोष प्रदर्शन किया और उपायुक्त प्रदीप कुमार के माध्यम से सरकार के नाम ज्ञापन भेजा। इसके बाद किसानों ने सांसद सुनीता दुग्गल के घर का घेेराव भी किया और वहीं सुरक्षा के लिए बैरिकेड हटा दिए और करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन किया।


अखिल भारतीय किसान सभा सहित पक्का मोर्चा से जुडे विभिन्न किसान संगठन सुबह ट्रैक्टर पर सवार होकर 12 बजे लघु सचिवालय पहुंच गए। किसानों ने करीब एक बजे तक लघु सचिवालय का घेराव कर धरना देना शुरू कर किया। इस मौके पर किसान नेता स्वर्ण सिंह विर्क ने भाजपा सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि पहले इस आंदोलन को भाजपा नेता पंजाब के किसानों का आंदोलन कह रहे थे और फिर सिखों का आंदोलन। सरकार का तर्क था कि हरियाणा के किसानों को इस आंदोलन से दूर रहना चाहिए। स्वर्ण सिंह विर्क ने कहा कि मुगल राज में कश्मीरी पंडितों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था ।

तब उन्हें बचाने के लिए गुरु तेग बहादुर ने कुर्बानी दी। सरकार किसानों में फूट डालने का प्रयास कर रही है, यह आंदोलन किसी धर्म का नहीं है, बल्कि किसानों का है। किसानों ने केंद्र सरकार पर व्यंग्य करते हुए कविताएं भी सुनाई, जिस पर दूसरे किसानों ने तालियां बजाई। करीब डेढ़ बजे उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। किसानों के समर्थन में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएस किंगरा के नेतृत्व में वकील पहुंचे। साथ ही सर्व कर्मचारी संघ भी धरने पर पहुंचा।

वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला के आवास व सांसद सुनीता दुग्गल के आवास पर बैरिकेड लगाए गए थे। किसान दो बजे सांसद दुग्गल के आवास के आगे पहुंच कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया तथा किसानों ने आवास की सुरक्षा में लगाए हुए बैरिकेड को हटा दिए। किसान नेताओं ने कहा कि लोगों ने भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल को वोट दिए। लेकिन सांसद कभी किसानों के बीच नहीं पहुंची। किसानों ने करीब तीन घंटे सांसद के आवास का घेराव किया और नारेबाजी की।

इससे पहले 12 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर कब्जा कर लिया और टोल प्लाजा को कईं घण्टें तक आम लोगों के लिए मुफ्त करा दिया।

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