साहस को सलामः 70 किलोमीटर ट्रेक्टर चलाकर प्रदर्शन में शामिल हुई जांबाज एस्थर लीमा

देश—विदेश

तंजावुर (तमिलनाडु): दिल्ली की सीमा पर अपने हकों के लिए लड रहे किसानों को पूरे देश से लगातार समर्थन मिल रहा है। झूठ और अफवाहों के कारखाने भाजपा-आरएसएस द्वारा यह झूठ फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह केवल पंजाब के किसानों का आंदोलन है परंतु जिस प्रकार का व्यापक और जुझारू सक्रिय समर्थन देशभर से किसानों को मिल रहा है वो ना केवल उत्साहजनक है बल्कि वह संघी झूठ की पोल भी खोलने वाला है। इसी प्रकार के समर्थन और जुझारूपन की मिसाल कायम की तमिलनाडु किसान सभा की जांबाज महिला किसान और भाकपा की कर्मठ कार्यकर्ता एस्थर लीमा ने।
तमिलनाडु में विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किये गये। इन विरोध प्रदर्शनों को भाजपा की सहयोगी एआईडीएमके सरकार ने रोकने के लिए तमाम तरह के दमनकारी तरीके अपनाये। किसानों को प्रदर्शन स्थल पर पहंुचने से रोकने के लिए तमाम इंतजाम किये गये थे। तंजावुर जिलाधिकारी कार्यालय पर किसान सभा के साथ भाकपा, माकपा, वीसीके और डीएमके ने एक संयुक्त धरने का आयोजन किया था।
धरना स्थल पर पहुंचने से रोकने के लिए प्रशासन ने कडे इंतजाम किये परंतु किसान और भाकपा की जिला परिषद सदस्य महिला फेडरेशन की सचिव एस्थर लीमा 20 किसानों को लेकर 70 किलोमीटर ट्रेक्टर चलाकर धरना स्थल पर पहंुची। तमिलनाडु सरकार ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से रोकने के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त किया था। परंतु बहादुर कामरेड एस्थर लीमा ने वैकल्पिक रास्ता लेते हुए और 70 किलोमीटर ट्रेक्टर चलाकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने में सफलता हासिल की।
बहादुर महिला एस्थर लीमा को बधाई जिसने साबित कर दिया कि पंजाब महिला किसान जैसी तमिल महिला किसान हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तंजौर जिला कमेटी की सदस्य सेठुभावतीराम संघ सचिव एस्थर लीमा को पुलिस ने वहां प्रतिबंध लगा दिया है, शहर के रास्ते टालकर किसानों को गाँवों में ले गई और तंजौर में धरने में भाग लिया और साबित कर दिया कि तमिल महिला किसान हैं। प्रदर्शन में शामिल हरेक ने उनकी बहाुदरी और जज्बे की सराहना की। और स्थानीय तमिल समाचार पत्रों ने भी उनकी तारीफ में बडे समाचार प्रकाशित किये।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments