
शेमारू टीवी पर जगाने आस्था और विश्वास आ रहे हैं ‘सिया के राम’
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नई दिल्ली। मनोरंजन जगत में चमचमाते सितारे की तरह उभरनेवाले शेमारू टीवी ने हाल ही में सफलतापूर्वक एक साल पूरा किया है।
इस एक साल में करोड़ों दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान बनकर शेमारू टीवी ने शोज़ और उपहारों के ज़रिए कइयों के सपनों को पंख दिए हैं, तो बहुतों की मनचाही मुराद पूरी की है। ऐसे में एक बार फिर अपने प्रिय दर्शकों के लिए शेमारू टीवी लेकर आ रहे हैं भक्ति रस से भरपूर और बेहद अनूठा शो ‘सिया के राम’।
इस शो में आप देखेंगे कि कैसे रामायण को सीता जी के नज़रिए से दिखाया गया है।
देश का बच्चा-बच्चा रामायण की जिस कहानी से रूबरू है, उसी रामायण को बिल्कुल नज़रिए से देखना और कुछ नए तथ्यों का उजागर होना यक़ीनन दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक और अनूठा होगा।
कोरोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन से देश में हर तरफ़ डर, संशय और निराशा का अंधकार पसरा है, ऐसे में शेमारू टीवी का शो ‘सिया के राम’ लोगों के मन में आस्था और विश्वास की लौ जगाने में यक़ीनन कामयाब होगा।
‘बदलते आज के लिए’ सिद्धांत पर चलते हुए शेमारू टीवी ने पिछले एक साल में अपने दर्शकों को ऐसे शोज़ दिखाए हैं, जो बदलते भारत की तस्वीर पेश करते हैं।
‘सिया के राम’ एक ऐसा ही अनोखा शो है, जिसमें पुरुष प्रधान समाज में पहली बार रामायण की संपूर्ण गाथा को माता सीता के दृष्टिकोण से दिखाया गया है।
शो के सभी दृश्यों को बेहद आकर्षक ढंग से दर्शाया गया है, जिन्हें देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
शो में सिया और राम के किरदार मदिराक्षी मुंडले और आशीष शर्मा ने निभाए हैं। देवी सीता के सशक्त किरदार को मदिराक्षी ने अपने बेहतरीन अभिनय से एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
रामायण के दूसरों शोज़ में सीता को ज़्यादातर शांत दिखाया गया है, जबकि ‘सिया के राम’ की सीता कर्तव्य पालन के साथ-साथ विचारों की स्वतंत्रता को भी प्राथमिकता देती हैं और समय-समय पर अपने पिता और पति के समक्ष अपने विचार खुलकर रखती हैं।
आपको बता दें कि जहां प्रभु श्रीराम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहा जाता है, वहीं माता सीता को सर्वोत्तम आदर्श माना गया है।
एक आदर्श पुत्री, आदर्श पत्नी, आदर्श मां के साथ ही वो एक आदर्श स्त्री हैं, जो आज की आधुनिक नारी के लिए प्रेरणाश्रोत हैं।