शिक्षा से वंचित हो रहे छात्रों ने किया प्रदर्शन, घेराव

दशपल्ला (उडीसा)। आनलाइन शिक्षा के कारण शिक्षा से वंचित हो रहे दूर दराज के कमजोर वर्ग के छात्रों ने उडीसा में दशपल्ला तहसील का घेराव किया और अपनी मांग उडीसा सरकार तक पहुंचाई। एआईएसएफ के बैनर तले और राज्य की नेता संघमित्रा जेना के नेतृत्व में छात्रों ने तहसील का घेराव किया। आनलाइन शिक्षा के नाम पर शिक्षा से वंचित रह रहे विभिन्न स्कल और काॅलेजों के छात्रों ने तहसील का घेराव किया। छात्रों का कहना थ कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन और शटडाउन के नाम पर सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। स्कूल काॅलेज और कक्षा शिक्षा खोलने की मांग को लेकर एआईएसएफ ने इस राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों और तहसीलों में भारी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन, इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण गरीब परिवारों के 70 प्रतिशत से अधिक छात्र बिना लैपटाॅप या स्मार्ट फोन के पढ़ाई से वंचित रह गए हैं।

एआईएसएफ के आह्वान पर आज सुबह 11 बजे दशपल्ला तहसील का घेराव कर दशपल्ला के विभिन्न स्कूलों एवं काॅलेजों के छात्र एवं छात्राओं ने मुख्यमंत्री को मांगपत्र सौंपा। तहसीलदार अक्षय खेमुडू ने ज्ञापन लिया। इस कार्यक्रम में एआईएसएफ प्रदेश अध्यक्ष संघमित्रा जेना, दाशपल्ला छात्र फेडरेशन के संयोजक सी. प्रधान, नयागढ़ छात्र फेडरेशन के संयोजक बिजय बेहेरा, घाटा जमा मंच के प्रदेश अध्यक्ष जयंत दास, छात्र नेता सुभाषिता प्रधान, तपस्विनी और मझीर ने भाग लिया। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक कक्षाओं में शिक्षा नहीं दी जायेगी यह आंदोलन निरंतर तारी रहेगा। हिडिगांवः बालासोर सदर प्रखंड के हिडिगांव में पिछले दो साल से सरकार द्वारा कक्षा शिक्षा खोलने की मांग को लेकर विभिन्न स्कूलों और काॅलेजों के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।

कोरोना महामारी के चलते पिछले 2020 मार्च से स्कूल काॅलेज बंद करके छात्रों को पढ़ाई से वंचित कर दिया गया है। अखिल भारतीय छात्र फेडरेशन (एआईएसएफ) ने स्कूल-काॅलेज खोलकर कक्षा शिक्षा की मांग को लेकर राज्यव्यापी छात्र आंदोलन शुरू किया है। सरकार ने जून महीने से आनलाइन यूट्यूब के माध्यम से शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके साथ मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं है ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के छात्रों के पास महंगे मोबाइल या लैपटाॅप नहीं हैं। 70 प्रतिशत से अधिक छात्र अपना डाटा नियमित रूप से रिचार्ज नहीं कर पाने के कारण पढ़ाई से वंचित हैं। इसके अलावा जिन्हें यूट्यूब के माध्यम से आनलाइन वीडियो या व्हाट्सएप्प भेजा जा रहा है, जिस टेक्स्ट को छात्र समझ पाने में नकाम हैं।

यूट्यूब आनलाइन शिक्षण के साथ यह संभव नहीं है। लेकिन इसने अमीर-गरीब छात्रों के बीच विभाजन की दीवार खड़ी कर दी है। इसीलिए स्कूलों और काॅलेजों में 25 से 40 छात्रों के बीच शारीरिक दूरी और कक्षा शिक्षा की व्यवस्था करने की मांग की जाती है। उधर निजी शिक्षण संस्थान साल की शुरुआत से नामांकन के साथ साथ वार्षिक शुल्क भी ले रहे हैं, लाॅकडाउन के चलते उन्होंने मध्यम छात्रों को पढ़ाने के बजाय स्कूल-काॅलेजों में वार्षिक शुल्क भी लगा रखा है।

छात्रों को समाज का भविष्य बताया जाता रहा है, केंद्रीय शासक वर्ग देश को विश्वगुरु बनाने के लिए नारे लगा रहा है, स्कूल काॅलेज में अशिक्षित, अनिश्चित भविष्य समाज बनाने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है, इसके अलावा यूनिसेफ द्वारा कोरोना को नियंत्रित करने के लिए स्कूल-काॅलेज बंद रखने का निर्णय सही नहीं है और इससे छात्रों पर मानसिक बोझ पडेगा।

एआईएसएफ के इस प्रदर्शन में छात्र नेता ओम प्रकाश ढाल, पायल सिंह, रजनी सिंह, बापू सिंह, देई सिंह, सुप्रिया कुंडू, अबीबिता मन्ना, सस्मिता उर्मन, नमिता दास, संध्या रानी सिंह, अंजलि सीट, उमा शंकर मंडल, पूर्णिमा पत्र, सोनाली सिंह, सुमन गिरी, देरत गिरी, सुनील सिंह, अबिता मन्ना, और प्रियंका बेरा प्रमुख छात्र रूप से शामिल थे। वहीं राष्ट्रीय परिषद सदस्य जयंत दास, निखिल ओडिशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ प्रतिभा पाल, श्रीकोना पंचायत समिति सदस्य अरुण कुमार मंडल, अखिल भारतीय यूथ फेडरेशन प्रदेश संयुक्त सचिव तपन कुमार सीट प्रमुख ने हिडिगांव में धरने को संबोधित किया। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए छात्र इंद्र सामंता, रवि परिडा, पुष्पा कुंडू, अमित मन्ना, मानिक बेरा, तपन गिरी, मिनाती दण्डपत, कुनी सिंह, जगंधु माईती, सुशांत माईती, राजेन्द्र सेठी, राधागोविन्द माईती, शांति सिंह, रीना रानी नायक, सुशांत नायक अबानी परिदा, संजीत कामिला, जगन्नाथ दास, अंजन दास, खाना सिंह, अजू दुआरी, पुरुषोत्तम पत्र, जगन्नाथ माझी, बुधिया माझी और समरय टूडू प्रमुख ने अपने बच्चों के साथ इस विरोध में भाग लिया।

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