शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु एवं सुखदेव के 90 में शहादत दिवस मनाई गई

कोडरमा: शहीदे आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के 90 शहादत दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम के शुरुआत में चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से शहादत दिवस समारोह की शुरुआत की गई।

भगत सिंह को लाल सलाम आदि गगनभेदी नारे लगा रहे थे।

वहां पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य के सहायक सचिव किसान नेता महेंद्र पाठक ने कहां की भगत सिंह कोई व्यक्ति नहीं विचारधारा है।

भगत सिंह के विचारों को अपने जिंदगी में उतारने के प्रयास करनी चाहिए। भगत सिंह 23 वर्ष की उम्र में हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। अंग्रेजी हुकूमत के समक्ष नहीं झुके।

इतने कम उम्र में जो हासिल किया आज वह नहीं मिल सकता है।

पाठक ने कहा कि आज जो राष्ट्रभक्ति के राग अलापने वाली सरकार दिल्ली की गद्दी पर बैठी है।

क्रांतिकारी साथियों को देशद्रोही करार दे रही है और जो अंग्रेजों से माफी मांगे ओ आर एस एस जो अंग्रेजों की चाटुकार ई किए। उनके दलाली में मशगूल थे।

वह भगवा ध्वज ध्वज लेकर हाफ पेंट चड्डी पहन कर कोलकाता के विक्टोरिया महारानी के सलामी दे रहे थे।

जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में 1 नाखून तक नहीं कटवाए।

आज देशभक्ति की नाटक कर रहे हैं।

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