विकासपुरी में डीएमआरसी ने फेज-IV की पहली सुरंग की खुदाई की शुरुआत
नई दिल्ली: डीएमआरसी ने फेज-IV के कार्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए इस चरण के आरंभिक अभियान के रूप में जनकपुरी पश्चिम – आर.के.आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर विकासपुरी से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच पहली टनल बोरिंग मशीन (TBM) द्वारा 1.4 कि.मी. लंबी सुरंग के खुदाई कार्य की शुरुआत डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में की।इस मार्ग पर ट्रेनों की अप और डाउन आवाजाही के लिए दो समानांतर सर्कुलर सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जो जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर सेक्शन के बीच 2.2 कि.मी. लंबे भूमिगत सेक्शन का हिस्सा हैं। 73 मीटर लंबी इस विशालकाय मशीन को उतारने तथा इसकी असेम्बलिंग की प्रक्रिया गत वर्ष अक्टूबर में आरंभ की गई थी।
विकासपुरी क्षेत्र से सुरंग खुदाई का कार्य मैजेंटा लाइन की सुंरग के साथ ही शुरु किया गया है, जहां इस समय ऑपरेशनल बॉटेनिकल गार्डन – जनकपुरी पश्चिम कॉरिडोर के लिए सुरंग का निर्माण कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। सुरंग का निर्माण करीब 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया जाएगा। इन सुरंगों में लगभग 2,040 कंक्रीट रिंग्स स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक सुरंग का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर होगा।
इस मार्ग पर सुरंग निर्माण का संपूर्ण कार्य लगभग 12 महीने में पूरा होने की संभावना है। इस सुरंग में रेलमार्ग आउटर रिंग रोड के साथ-साथ तथा बहुमंजिली इमारतों के बीच से होकर गुजरेगा।सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मैथड (EPBM) प्रमाणित टेक्नोलॉजी के साथ पहले से ढाले गए टनल रिंग्स की कंक्रीट लाइनिंग द्वारा किया जाएगा। टनल रिंग्स की ढलाई का कार्य मुंडका स्थित कास्टिंग यार्ड में किया जा रहा है। शुरुआती मजबूती के लिए कंक्रीट के इन हिस्सों को स्टेम क्यूरिंग सिस्टम के साथ तैयार किया जाता है। यह टीबीएम प्रति दिन 10 मीटर तक खुदाई करने में सक्षम होगी।
निर्मित ढांचों के नीचे सुरंग निर्माण करते समय समस्त आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं जिसके लिए इमारतों के आसपास अति संवेदी उपकरण लगाकर भूमि की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है।
सुरंग निर्माण पूरा हो जाने के बाद, कृष्णा पार्क एक्सटेंशन भूमिगत स्टेशन पर बनाए जा रहे रिट्रीवल शॉफ्ट से यह मशीन बाहर निकाली जाएगी।फेज-IV के अब तक अनुमोदित कार्य के भाग के रूप में, लगभग 27 कि.मी. की भूमिगत लाइनें बिछाई जाएंगी। जनकपुरी पश्चिम – आर. के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर कुल मिलाकर 7.74 कि.मी. सेक्शन भूमिगत होगा।टीबीएम का इस्तेमाल एक सर्कुलर क्रॉस सेक्शन पर विभिन्न प्रकार की मिट्टी और चट्टानी परतों में सुरंगों की खुदाई के लिए किया जाता है। इन्हें कठोर चट्टानों से रेतीली किसी भी भूमि में खुदाई करने के हिसाब से डिजाइन किया जाता है।
टीबीएम ने पूरे विश्व में सुरंग खुदाई के कार्य में एक क्रांति ला दी है, अब सतह पर बने भवनों और अन्य ढांचों को कोई बाधा पहुंचाए बिना खुदाई का कार्य किया जा सकता है।सघन शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंगें बनाने के लिए टीबीएम विशेष रूप से उपयोगी हैं। डीएमआरसी अपने फेज-I की शुरुआत से ही सुरंगें बनाने के लिए टीबीएम का उपयोग करती आ रही है। फेज-III में, राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 30 टीबीएम की सेवाएं लेकर लगभग 50 कि.मी. भूमिगत सेक्शनों का निर्माण किया गया था।