लेखक, कलाकार, संस्कृतिकर्मी, छात्र भी किसानों के समर्थन में सडकों पर
रांचीः 27 दिसंबर को रांची के अल्बर्ट एक्का चैक में प्रगतिशील लेखक संघ, इप्टा, एआईएसएफ, जलेस एवं अन्य सहधर्मी संगठनों द्वारा लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों व संस्कृतिकर्मियों ने अपनी कविताओं स्लोगन, व पेंटिंग के माध्यम से देश में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया। इस अभियान में बड़ी संख्या में छात्रों-युवाओं ने भी अपनी भागीदारी दी।
इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रगतिशील लेखक संघ के झारखंड महासचिव डाॅ. मिथिलेश ने कहा कि यह सरकार लगातार जन विरोधी कानून को लाकर अपनी तानाशाही रवैया को स्थापित करना चाह रही है जो कभी सफल नहीं होगा। हमारा देश लोकतांत्रिक राष्ट्र है। गांधी-भगत सिंह के देश में हिटलरवाद नहीं चलने देंगे। हम सभी किसान आंदोलन के साथ हैं।
सरकार जल्द से जल्द यह कानून वापस ले। देश का हर वर्ग शोषित है इस सरकार में इसीलिए देश का हर वर्ग सड़क पर है और रहेंगे जब तक सरकार अपना तानाशाही रवैया छोड़ने को मजबूर नहीं हो जाती। कथाकार पंकज मित्र ने कहा कि यह खेत बचाने कि लड़ाई है हम आंदोलन के समर्थन में लड़ाई जारी रखेंगे।
एआईएसएफ के प्रदेश महासचिव लोकेश आनंद ने कहा कि यह सरकार जन विरोधी है यह कानून जिनके लिए बनाया गया है जब वो किसान ही उसके खिलाफ हैं तो ऐसे कानून बनाने का क्या फायदा। यह केंद्र की सरकार साफ तौर पर कारपोरेट के लिए काम कर रही है। शिक्षा का निजीकरण,रोजगार का निजीकरण अब किसानों पर ऐसा अत्याचार यह दर्शाता है कि यह सरकार वोट जनता से लेती है और काम पूंजीपतियों के लिए करती है। हम सभी छात्र किसानों के आंदोलन के साथ है।
अगर सरकार नहीं मानती है तो जेल भी भरने की जरूरत पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे अब और किसानों कि शहादत बर्दास्त नहीं कर सकते। इप्टा के ललित ने कहा कि इतनी ठंड में किसान भाई डटे हैं, इस सरकार को जरा सी भी दया नहीं आती यह किसान विरोधी सरकार का अड़ियल रवैया निंदनीय है। जलेस के एम जेड खां ने कहा कि पूरा देश किसान भाइयों के आंदोलन के साथ खड़ा है लगातार किसान भाई इस आंदोलन में शहीद हो रहे हैं सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़नी ही होगी।
युवा चित्रकारों ने किसान आंदोलन के समर्थन में पेंटिंग बनायी। इस कार्यक्रम में अजय वर्मा, रणेंद्र, रेणु प्रकाश, सोनी तिरिया, जेवियर कुजूर, अजय सिंह, उमेश नजीर, विनय भूषण, फरजाना, दिनेश सिंह (चित्रकार), हरमिंद्र वीर सिंह, नंदिता भट्टाचार्य, सुशीला बेदिया, बाटुल, वाम छात्र संगठन के भी साथी सोहेल, अक्षय आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम के आरंभ और समापन में सूरज श्रीवास्तव द्वारा जनगीत प्रस्तुत किया गया।