
याद आ रहे अब वो दिन
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महंगाई हो चली बेकाबू
कर दिया है सब को परेशान
हैरानी हो रही यह देखकर
क्यों नहीं सरकार का इस ओर ध्यान
पेट्रोल हो गया सौ के पार
गैस सिलिंडर अब उड़ने को तैयार
धुआं अब आंख से आंसू ही तो निकालेगा
लकड़ी जलेगी जब फिर एक बार
प्याज तो वैसे ही देखो रुला रहा
टमाटर भी अब आंखें है दिखा रहा
दालों ने भी गरीब का तेल है निकाला
तेल ने भी कढ़ाही से बाहर मारा है उछाला
आलू भी सबका अब मुंह चिढ़ा रहा
पतीले में जाने से है घबरा रहा
हरि सब्जियां सारी जा रही आसमान
फलों में भी देखो छिड़ा है घमासान
सब चीजों की कीमतें ऊपर जा रही
सच हो रही एक एक बात जो लगती थी भली
अब वो अच्छे दिन याद आ रहे हैं
बुरे दिनों को जब दी थी तिलांजलि
रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र
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