मैक्स अस्पताल में दो साल की बच्ची कीआपातकालीन वेट– लॉस सर्जरी की गई

• जन्म के तुरंत बाद से ही बच्ची का वजन असामान्य रूप से तेजी से बढने लगा था। सामान्य बीएमआई 23.5 से 25 के बीच होता है जबकि इस बच्ची का बीएमआई 41.5 था।

• वह अब तक न तो घुटने के बल और न ही पैरों से चली थी। उसके इंसुलिन के स्तर में वृद्धि हो गयी थी और उसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया भी हो गया था। वह अपनी पीठ के बल लेटकर सो नहीं सकती थी और पिछले 6 महीनों से व्हीलचेयर पर ही रह रही थी।

• सर्जरी के बाद एक पखवाड़े में ही, उसका वजन 40 किलोग्राम हो चुका है और उसमें अब भी सुधार हो रहा है।

• बच्चों में बेरिएट्रिक सर्जरी किए जाने की निम्नतम आयु सीमा 12-15 वर्ष है।

ग्रेटर नोएडा: मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के डॉक्टरों ने 41.5 बीएमआई (BMI) और 45 किलोग्राम वजन वाली मॉर्बिडिटी मोटापा से पीड़ित दो वर्षीय बच्ची की जान बचाने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से की। इस उम्र में सामान्य विकास करने वाले बच्चे का वजन 12 से 15 किलोग्राम के बीच होता है। चूंकि बच्चों में बेरिएट्रिक सर्जरी न के बराबर होती है, इसलिए इस मामले को पिछले एक दशक में ‘भारत में सबसे कम उम्र की बेरिएट्रिक सर्जरी रोगी’ कहा जा सकता है। यह प्रक्रिया एक मेडिकल इमरजेंसी के रूप में की गई।

यह सर्जरी मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज और वैशाली के मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मिनिमल एक्सेस, बैरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विवेक बिंदल (Dr. Vivek Bindal) ने की। यह एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम प्रयास था, जिसमें पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ मनप्रीत सेठी, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ राजीव उत्तम, और पेन मैनेजमेंट एंड एनीस्थिसिया के निदेश्क और विभागाध्यक्ष डॉ अरुण पुरी शामिल थे, जिन्होंने ऑपरेशन से पहले और बाद में बच्चे को अपनी निगरानी में रखा।

इस सर्जरी के बारे में बताते हुए, डॉ मनप्रीत सेठी (Dr. Manpreet Sethi) ने कहा, “यह बच्ची जन्म के समय सामान्य थी और उसका वजन 2.5 किलोग्राम था। हालांकि, जन्म के तुरंत बाद उसका वजन तेजी से बढ़ने लगा और छह महीने में उसका वजन 14 किलोग्राम हो गया। उसका एक बड़ा भाई है जो आठ साल का है और उसकी उम्र के अनुसार उसका वजन सामान्य है। अगले डेढ़ साल में बच्ची का वजन तेजी से बढ़ता गया और 2 साल और 3 महीने में उसका वजन 45 किलोग्राम तक पहुंच गया।

इस मामले के बारे में विस्तार से बताते हुए, डॉ विवेक बिंदल ने कहा, “ख्याति की सर्जरी करने का निर्णय एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम का निर्णय था। हालांकि बच्चों में बेरिएट्रिक सर्जरी की निम्न आयु सीमा 12-15 वर्ष है; लेकिन उसके मामले में सर्जरी एक मेडिकल इमरजेंसी थी। हमने बाल रोग विशेषज्ञों, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और परिवार के साथ इस बारे में विस्तार से बातचीत की, साथ ही बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से पहले चिकित्सा साहित्य की गहन समीक्षा की।

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