महिंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने नकदी प्रबंधन समाधान हेतु साझेदारी की

नई दिल्‍ली: महिंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (एमआरएचएफएल), जो महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल लिमिटेड की एक अनुषंगी है, और इंडिया पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने नकदी प्रबंधन समाधान के लिए महत्‍वपूर्ण साझेदारी की आज घोषणा की।

इस करार के तहत, आईपीपीबी अपने एक्‍सेस पॉइंट्स एवं डाक सेवा प्रदाताओं के जरिए एमआरएचएफएल को नकदी प्रबंधन एवं संग्रहण सेवाएं उपलब्‍ध करायेगा।

इस नकदी प्रबंधन सेवा से, एमआरएचएफएल के ग्राहक 136,000 से अधिक डाकघरों से अपनी मासिक या तिमारी ऋण किश्‍तों का भुगतान कर सकेंगे।

नकद प्रबंधन समाधान के लिए किया गया यह गठजोड़ वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण साझेदारी है, और इसका उद्देश्य दोनों भागीदारों के ग्राहकों को एकीकृत करना है।

आईपीपीबी के बड़े राष्ट्रीय नेटवर्क ने अपने सरल, स्केलेबल और रेप्लिकेशन टेक्‍नोलॉजी ढांचे के साथ मिलकर एमआरएचएफएल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नकद प्रबंधन समाधान को उपयोग में लाने की सुविधा प्रदान की है।

साझेदारी पर बोलते हुए, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, श्री जे वेंकटरामु ने कहा, “जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है और व्यापार करने के नए तरीके उभर रहे हैं।

यह हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि हम अपने ग्राहकों और भागीदारों को सरलतापूर्वक सुलभ और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करें।

नकद प्रबंधन व्यवसाय संचालन की जीवन रेखा होने के कारण, आईपीपीबी अपने मजबूत नेटवर्क और प्रौद्योगिकी मंच के साथ कॉर्पोरेट्स को उनकी प्राप्तियों को सुरक्षित, संरक्षित और निर्बाध रूप से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

हम महिंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को बदलने और डाक नेटवर्क की विशाल पहुंच का लाभ उठाते हुए कोने-कोने तक पहुंचकर बैंकिंग सेवा से वंचित या अल्‍प सेवित समुदायों की बाधाओं को दूर करने हेतु प्रयासरत हैं।”

महिंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक, अनुज मेहरा ने कहा, “महिंद्रा में, हम अपने ग्राहकों की अधिक सहायता के लिए अभिनव समाधान ढूंढते रहते हैं।

आईपीपीबी के साथ गठजोड़ इसी दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है और हमें विश्वास है कि इससे हमारे ग्राहक कुशलतापूर्वक बैंकिंग कर सकेंगे और वित्‍तीय दृष्टि से अधिक सुरक्षित एवं सशक्‍त बन सकेंगे।

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