मदर्स डे-मेरे पापा के त्याग में

विचार—विमर्श

माँ तू हर जगह है

माँ तू हर जगह है..
रसोई में,रसोई के डब्बों में,
मसालों में,लोहे की कड़ाई में,

माँ तू हर जगह है..
साड़ियों में,फाल में
गोटे-पत्ती में,लहंगे के सितारों में

माँ तू हर जगह है..
कुशन कवर,तकिए के गिलाफ की कड़ाई में
चादर की फ़ैब्रिक पेंटिंग में

माँ तू हर जगह है..
अचार की ख़ुशबू में,पापड़ की सोंधी-सोंधी महक में,दूध की केतली में

माँ तू हर जगह है..
गार्डन की क्यारी में,गुलाब के फूलों में
गमलों में,मनीप्लांट की बेल में

माँ तू हर जगह है..
मेरे करवाचोथ के करवे में,मेरे माथे के सिंदूर में
मेरी दीपावली के दीये में,मेरी देवियों के शोध में

माँ तू हर जगह है..
मेरे भगवान के मंदिर में,मंदिर की घंटियों में
मेरी यादों में,मेरे एहसासों में,मेरी बिटिया के रूप में
मेरे पापा के त्याग में

माँ तू हर जगह है..
मेरे पापा के त्याग में
माँ तू हर जगह है…!!

डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट

रावतभाटा-राजस्थान

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