भाकपा ने वन भूमि अधिकारों के लिए चलाई पांच दिवसीय पोडू यात्रा

विचार—विमर्श
  • आदिवासी किसानों के लिए पट्टे की मांग

वनो में आदिवासियों की वन खेती को बचाने के लिए भाकपा की तेलंगाना राज्य परिषद ने 8 अगस्त 2021 से पांच दिवसीय पोडू यात्रा का आयोजन किया और राज्य सरकार से तुरंत जनजातियों पर हमले रोकने का आग्रह किया।

यात्रा 4 अगस्त को जोदेघाटिन आसिफाबाद जिले ;पहले आदिलाबाद जिलेद्ध की कोमुराम भीम की प्रतिमा से शुरू हुई और भद्राद्री कोठागुडेम जिले ;पहले खम्मम जिलेद्ध के चेरलामंडल में समाप्त हुई, यात्रा ने आदिवासियों को जगाया और उन्हें अपनी उस भूमि की रक्षा के लिए आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित किया जहां कई पीढ़ियों से खेती की जाती है। यात्रा आसिफाबाद, मंचेरियाल, जयशंकर भूपालपल्ली, करीमनगर, महबूबाबाद, खम्मम, भद्राचलम ;भद्राद्री कोठागुडेमद्ध जिलों से होकर गुजरी।

यात्रा का नेतृत्व भाकपा तेलंगाना राज्य परिषद के सचिव सी वेंकट रेड्डी ने किया। यात्रा के जत्थे में राज्य पार्टी के सचिवमंडल सदस्य एन बालामलेशन, कलावेनी शंकर, बीकेएमयू राज्य अध्यक्ष के कान्थैया, महासचिव जी सामाख्या, आर अंजनैया नायक, पी नरसिम्हा, श्रीनिवास, लक्ष्मीनारायणा, उपलैया और अन्य शामिल थे। टीआरएस सरकार हरिथ हरम के नाम पर आदिवासियों की फसलें बर्बाद कर रही है। आदिवासियों के खिलाफ कईं अपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं। अदिलाबाद, महमूदाबाद, खम्मम, भद्रादरी, कोठागुडेम में जहां भी आदिवासियों ने फसल बर्बाद कराने का विरोध किया उनके खिलाफ सरकार ने केस दर्ज कर दिये।

पोडू यात्रा ने सरकार से 24 जिलों करीमनगर, मुलिगू, मंटेगना, वारंगल, ग्रामीण, महबूबाबाद, और कोठागुडेम आदि मेंपांेडू किसानों की समस्याएं हल करने की मांग की। भाकपा पोडू किसानों को पट्टे जारी करने के लिए वन अधिकार कानून को लागू करने की मांग कर रही है। जिससे पुलिस के दमन, वन अधिकारियों और राजस्व अधिकारियों के उत्पीडन पर रोक लगायी जा सके, आदिवासियों पर दर्ज केस वापस लिये जा सकें और रैथू बंधू और रैथू भीमा योजनाओं को पोडू किसानों पर लागू किया जा सके। पार्टी ने उनके लिए ब्याज मुक्त कर्ज की मांग भी की है। यात्रा के दौरान पांच दिनों में आदिवासियों के बीच बडी संख्या में पर्चे बांटे गये, नुक्कउ सभाएं हुई, जनसभाएं और समूहों में मीटिंगें हुई। प्रत्येक हिस्से में जहां भी यात्रा दाखिल हुई आदिवासियों ने यात्रा का शानदार स्वागत किया और अपनी परंपरागत भेटें तीर कमान आदि भेंट की। उन्होंने अपनी मांगों के ज्ञापन भी दिये।

सी वेंकट रेड्डी ने यात्रा का उद्घाटन करते हुए राज्य सरकार से वन भूमि अधिकार अधिनियम को लागू करने की मांग की और जिसके माध्यम से आदिवासी और आदिवासी क्षेत्रों में कई पीढ़ियों से सिर्फ बरसात के पानी पर निर्भर होकर खेती कर रहे पोडू किसानों को पट्टे दिए जाएं। अधिनियम को लागू करने में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें लुका-छिपी का खेल खेल रही हैं। हरिता हरम ;वृक्षारोपणद्ध कार्यक्रम के नाम पर उन्हें पट्टा देने के बजाय, राज्य सरकार आमतौर पर आतंकवादियों और डकैतों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले निवारक जांच कानून को लागू करके पोडू किसानों को परेशान कर रही है।

केन्द्र सरकार, सरकार पर सवाल खडे करने वाले लोगों पर देशद्रोह कानून की धारा 124-ए लगाकर लोगों की आवाज का गला घोंट रही है। क्या यह देखना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वन भूमि अधिकार अधिनियम को लागू किया जाए? उन्होंने दलितों से किए गए वादे को पूरा करने में राज्य सरकार की दयनीय विफलता के लिए आलोचना की कि वह प्रत्येक दलित परिवार को तीन एकड़ खेती योग्य भूमि देगी। उन्होंने राज्य सरकार से वन अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों और पुलिस द्वारा उत्पीड़न को रोकने की मांग की। पुलिस अधिकारी जंगलों के बेटे-बेटियों को दबाने के लिए लाठियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई जगहों पर वे आत्महत्या का सहारा ले रहे हैं।

पुराने आदिलाबाद जिले, महबूबाबाद, खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम जिलों में पोडू किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। सी. वेंकट रेड्डी ने मांग की कि जो लोग खेती कर रहे हैं उन्हें पट्टे दिए जाएं और रैथु बंधु और रैयथु भीमा योजनाओं का विस्तार आदिवासी लोगों में भी किया जाए। उन्होंने कहा कि नहीं तो न केवल 24 जिलों में जहां पोडू किसान बड़ी संख्या में हैं, बल्कि सभी जगह आंदोलन तेज किया जाएगा।

उद्घाटन बैठक को भाकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य और आसिफाबाद जिला सचिव कलावेणी शंकर ने संबोधित किया। जोडेघाट से शुरू हुई यह यात्रा शाम को आसिफाबाद, रेब्बाना, तंदूर, मंडामारी आदि होते हुए मंचेरियाल पहुंची।

जयशंकर में भूपालपल्ली, नेधुनूरी ज्योति, भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य, राजकुमार, जिला पार्टी सचिव और भूललक्ष्मी पार्षद, मोटापालुकुला रमेश, कुधुकुला वेंकटेश, चंद्रमौल ने रैली का नेतृत्व किया।

सी. वेंकट रेड्डी ने भूपालपल्ली में अपने संबोधन में भाकपा और भाकपा (मा) को याद किया और बताया कि इस मुद्दे को यूपीए -1 सरकार के ध्यान में लाया गया था और साझे न्यूनतम कार्यक्रम में शामिल किया था। वन अधिकार अधिनियम 2006 में अस्तित्व में आया। संयुक्त आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने छह लाख किसानों में से 3.8 लाख पोडू किसानों को पट्टे दिए थे। तब से अब तक केसीआर ने पोडू किसान को एक भी पट्टा नहीं दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वैकल्पिक वनों को उगाने के लिए आवंटित धन को नेता खा रहे हैं। वारंगल ग्रामीण जिले के गुडूर रेंज के जंगलों में अकेले 15 प्रतिशत धन खा लिया गया। आदिवासियों से छीनी गई वन भूमि को खनिजों के कीमती स्टाॅक का उपहार देने के लिए कारपोरेट्स को सौंपा जा रहा है।

राज्य सचिव ने दोहराया कि यात्रा के बाद कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ऐसा लगता है कि केसीआर तेलंगाना राज्य को हासिल करने में लाल झंडे की भूमिका को भूल गए होंगे। अब हमारे लिए लाल झंडे की ताकत दिखाने का समय आ गया है। अंत में, उन्होंने टिप्पणी की कि कम्युनिस्ट या तो पोडु भूमि में होंगे या जेलों में होंगे।

कुनमनेनी संबाशिव राव पार्टी के राज्य सहायक सचिव ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि भद्राद्री, कोठागुडेम जिले के 23 मंडलों में से 21 मंडल अकेले एजेंसी क्षेत्रों के हैं। 17 मंडलों के 17,000 एकड़ से संबंधित भूमि के दावों को लंबित रखा जा रहा है। कुल खेती लायक भू-राजस्व भूमि के 18 लाख एकड़ में से सात लाख एकड़ भूमि है लेकिन वन भूमि 11 लाख एकड़ है। संबाशिव राव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वन भूमि आदिवासियों के हाथों में सुरक्षित है, लेकिन जो भूमि अमीर वर्गों के हाथों में है वह गायब हो गई है। उन्होंने यह भी मांग की कि राज मार्ग के निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए बाजार दर पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। अमीरों द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि को सरकार द्वारा जब्त कर लिया जाए और हरिता हरम के पौधे लगाए जाएं।

खम्मम और कोठागुडेम रैलियों में संबाशिव राव, भागम हेमंत राव, राज्य सचिवमंडल सदस्य, पोटू प्रसाद और साबीर पाशा, जिला पार्टी सचिवों ने सभाओं को संबोधित किया। कई जगह कन्वेंशन हुए। खम्मम जिले में खम्मम से कोडुमुरु तक विशाल स्कूटर रैली का आयोजन किया गया। आम तौर पर लोगों और विशेष रूप से आदिवासियों ने ढोल और लाल झंडे लहराकर यात्रा का स्वागत किया। जूलूरुपाड़ा कोठागुडेम में नेताओं ने यात्रा का स्वागत किया और विनोबा नगर तक पार्टी के सैकड़ों आदिवासी कार्यकर्ताओं ने विशाल जुलूस निकाला।

समापन मीटिंग में भाकपा राज्य सचिव सी वेंकट रेड्डी ने राज्य सरकार को चेताया कि यदि पोडू किसानों पर हमले जारी रहे तो भाकपा इसे सहन नहीं करेगी और जेल जाने के लिए भी तैयार रहेगी। उन्होंने पोडू किसानों को आश्वस्त किया किया कि यात्रा के दौरान प्राप्त ज्ञापनों को मुख्यमंत्री के पास पहुंचाया जायेगा और पूरे मामले को आगे बढाया जायेगा।

कुछ स्थानों पर आदिवासियों ने स्वेच्छा से दस्ते के सदस्यों के लिए भोजन की व्यवस्था की। पल्ले नरसिम्हा के नेतृत्व में इप्टा दस्ते ने अपने क्रांतिकारी गीतों से सभाओं में लोगों को उत्साहित किया।

महबूब नगर और वारंगल रैलियों में वारंगल ग्रामीण पार्टी सचिव पी रमेश, महबूबनगर में पार्टी सचिव विजय सारथी, नगर निगम भाकपा सदन नेता अजय सारथी, सहायक सचिव एन सुधाकर रेड्डी, के श्रीनिवास, वेंकन्ना और श्रवण ने भाग लिया।

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