बदलते मौसम में परेशान न कर दे सर्दी-जुकाम

विचार—विमर्श

अब मौसम धीरे—धीरे बदल रहा है। इस बदलते मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी, गला खराब आदि समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में डायबिटीज, बीपी, एलर्जी आदि की बढ़ने की आशंका और बढ़ जाती है। ऐसे मौसम में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है।

मौसम के बदलते मिजाज, सुबह-शाम की ठंड और दोपहर की अच्छी धूप सर्दी-जुकाम, खांसी, सांस की तकलीफ, गले में खराश और फेफड़ों और सिर में जकड़न, अस्थमेटिक अटैक, बुखार व अन्य और कई मौसमी बीमारियां होने का खतरा हो जाता है।

डॉक्टरों के मानें तो हर रोज तापमान में आ रहे उतार-चढ़ाव के चलते सबसे ज्यादा अस्थमा, डायबिटीज, हाई बीपी और दिल के मरीजों को ज्यादा खतरा बना रहता है। इसमें विशेष तौर पर अपनी दवा, खानपान और व्यायाम का ध्यान रखना जरूरी होता है।

अब धीरे—धीरे स्कूल भी खूल रहे हैं। ऐसे में स्कूल से आते समय गर्मी रहती है और बच्चे गरम कपड़े उतार देते हैं। एकदम से गर्मी से ठंड या ठंड से गर्मी के कारण बच्चों में नाक बहने, छींक, आंखों से पानी आने और हल्की खांसी की समस्या होने लगती है है।

बड़ी उम्र के लोगों व अन्य लोगों की हालत भी कुछ अलग नहीं होते है। गले की खराश, नाक, कान और कले के संक्रमण के मरीजों की संख्या ऐसे मौसम में 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण धूल के कण सांस जरिए शरीर में जाते हैं, जिसके कारण संक्रमण होता है और गला खराब होता है।

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